जमुई: यह सुना था कि सच्चा प्यार केवल जीवन में एक बार ही होता है। लेकिन खैरा बाजार निवासी भरत कुमार और पश्चिम बंगाल की सीतारामपुर निवासी अंजली कुमारी ने इस बात को झुठला दिया। अंजलि पूर्व से ही शादीशुदा है और उसकी एक बच्चा भी है। इसके बावजूद उसने अपने से उम्र में पांच वर्ष छोटे भरत से विवाह रचा लिया। इस पूरी कहानी के पहले विलेन रहे घरवाले। दोनों को जुदा कर दिया। अब किस्मत ने दोनों को मिला दिया है।
इश्क ने मिलाया
अंजलि और भरत की प्रेम कहानी की शुरुआत आज से पांच वर्ष पूर्व एक मुलाकात के दौरान हुई थी। इस दौरान अंजलि खैरा थाना क्षेत्र के प्यारेपुर गांव अपने ननिहाल आई हुई थी। जहां धर्मपुर गांव में मंदिर में पूजा करने के दौरान भरत से उसकी आंखें चार हुई। इसके बाद दोनों में मोबाइल के माध्यम से बातचीत का सिलसिला चल पड़ा। दोनों में प्यार हुआ। ये बात घरवालों को मंजूर नहीं थी। घरवालों ने अंजलि का मोबाइल छीन लिया। उसे अपने दूर के रिश्तेदार के पास पश्चिम बंगाल के सीतारामपुर भेज दिया। वहीं पर उसकी शादी करा दी।
Video
मंदिर में शादी
लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। संयोग से शादी के बाद अंजलि और भरत की दूसरी मुलाकात फिर से अंजलि के ननिहाल में हुई, जहां दोनों को फिर से एक दूजे से प्यार हो गया। फिर चल पड़ा बातचीत का लंबा सिलसिला। दूसरी मुलाकात के तीन साल के बाद अंजली ने अपने प्रेमी भरत के साथ आपसी सहमति से पतनेश्वर मंदिर में विवाह रचा लिया। शादी के बाद दोनों खुश हैं। दोनों ने बताया कि उनके बीच बहुत पहले से प्यार था लेकिन घरवालों ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। अब दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी किए हैं।
इश्क ने मिलाया
अंजलि और भरत की प्रेम कहानी की शुरुआत आज से पांच वर्ष पूर्व एक मुलाकात के दौरान हुई थी। इस दौरान अंजलि खैरा थाना क्षेत्र के प्यारेपुर गांव अपने ननिहाल आई हुई थी। जहां धर्मपुर गांव में मंदिर में पूजा करने के दौरान भरत से उसकी आंखें चार हुई। इसके बाद दोनों में मोबाइल के माध्यम से बातचीत का सिलसिला चल पड़ा। दोनों में प्यार हुआ। ये बात घरवालों को मंजूर नहीं थी। घरवालों ने अंजलि का मोबाइल छीन लिया। उसे अपने दूर के रिश्तेदार के पास पश्चिम बंगाल के सीतारामपुर भेज दिया। वहीं पर उसकी शादी करा दी।
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मंदिर में शादी
लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था। संयोग से शादी के बाद अंजलि और भरत की दूसरी मुलाकात फिर से अंजलि के ननिहाल में हुई, जहां दोनों को फिर से एक दूजे से प्यार हो गया। फिर चल पड़ा बातचीत का लंबा सिलसिला। दूसरी मुलाकात के तीन साल के बाद अंजली ने अपने प्रेमी भरत के साथ आपसी सहमति से पतनेश्वर मंदिर में विवाह रचा लिया। शादी के बाद दोनों खुश हैं। दोनों ने बताया कि उनके बीच बहुत पहले से प्यार था लेकिन घरवालों ने इसकी मंजूरी नहीं दी थी। अब दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से शादी किए हैं।
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