इन्हीं में से एक ताल है, जो आपकी आवाज का जवाब देता है। जी हां, अगर वहां जाकर ताली बजाते हैं या सीटी मारते हैं, तो ताल का पानी खुद जवाब देने लगता है, जैसे आपको जवाब दे रहा हो। सुनने में आपको अजीब लगेगा, लेकिन ये बात सच है। यहां की चीजें इस जगह को और भी खास बना देती हैं।
(All Representative photo)
कहां है ये ताल?
मंगलाछु ताल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मुखबा गांव से करीब 6 किलोमीटर दूर है। ये ताल समुद्र तल से करीब 3,650 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए बेहद सुंदर ट्रेकिंग करनी पड़ती है, लेकिन बता दें ट्रेकिंग थोड़ी मुश्किल है। मुखबा गांव में लोग रुकते भी हैं, ये सर्दियों में रुकने के लिए बढ़िया जगह है। इस रास्ते में आपको बर्फ से ढकी ऊंची पहाड़ियां, घने जंगल और सुंदर घाटियां देखने को मिलेंगे, जो इस सफर को और भी खास बना देते हैं।
ताल देता है आपकी आवाज का जवाब
मंगलाछु ताल की सबसे दिलचस्प बात ये है कि अगर आप इसके पास ताली बजाते हैं, सीटी मारते हैं या कोई तेज आवाज करते हैं, तो पानी में अचानक बुलबुले उठने लगते हैं। जैसे-जैसे आवाज होती है, वैसे-वैसे पानी हिलता है और उसमें हलचल होने लगती है। लेकिन जैसे ही आप चुप हो जाते हैं, पानी फिर से शांत और स्थिर हो जाता है। यही चीज इसे रहस्यमयी बनाती है।
आज तक नहीं उठ पाया से पर्दा
ये घटना आज भी लोगों के लिए एक रहस्य बनी हुई है। गांव वाले मानते हैं कि ये किसी देवी-देवता की ताकत है, जबकि कुछ लोग कहते हैं कि ये जमीन के अंदर से निकलने वाली गैस या हल्के भूकंप की वजह से होता है। लेकिन अब तक कोई पक्की वजह सामने नहीं आई है।
धार्मिक मान्यता का क्या है कहना?
इस ताल को सोमेश्वर देवता का ताल भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) से सोमेश्वर देवता की डोली यहां लाई गई थी और यहीं उन्हें स्नान करवाया गया था। तभी से ये जगह गांववालों के लिए बहुत ही पवित्र मानी जाती है। कहा जाता है कि अगर किसी साल बारिश कम हो जाए, तो गांव के लोग यहां पूजा करते हैं और उसके बाद बारिश होने की उम्मीद बढ़ जाती है।
मंगलाछु ताल एक ऐसी जगह है जहां आपको प्रकृति की खूबसूरती, कुछ रहस्यमय चीजें और गहरी आस्था, तीनों का मेल देखने को मिलेगा। यहां आने वाले लोग सिर्फ एक सुंदर नजारा नहीं देखते, बल्कि एक धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव भी महसूस करते हैं।
कैसे पहुंचे मंगलाचू ताल
हवाई मार्ग: पास का हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो मुंखवा गांव से लगभग 170 किलोमीटर दूर है। यहां से आप टैक्सी या बस द्वारा मुंखवा पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग: पास का रेलवे स्टेशन देहरादून है, जो प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। देहरादून से टैक्सी या बस द्वारा मुंखवा तक पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग: देहरादून से मुंखवा तक सड़क मार्ग द्वारा पहुंच सकते हैं। देहरादून से मुंखवा की दूरी लगभग 170 किलोमीटर है। मुंखवा से मंगलाचू ताल तक पहुंचने के लिए 6 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी होती है।
You may also like
राजशाही समर्थकों का हौसला बढ़ाने पूर्व युवराज्ञी सड़कों पर उतरी
कोलोराडो हमला बाइडन की 'खुली सीमा' नीति का परिणाम: ट्रंप
जनरल हॉस्पिटल के नए एपिसोड में ड्रामा की भरपूर खुराक
Jojo Siwa और Chris Hughes ने अपने रिश्ते को किया आधिकारिक
Khan Sir Reception: लाल घूंघट में दिखीं 'मिसेज खान', पटना में शानदार रिसेप्शन पार्टी, एक से बढ़कर एक फोटो आए सामने