पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) ने अपने 20 उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। पार्टी ने अपने सभी 12 वर्तमान विधायकों को दोबारा मौका दिया है, जो चुनावी संघर्ष में 'कामरेड' की बढ़ती ताकत को दर्शाता है।
पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए साफ किया कि सीटों की संख्या उनकी उम्मीदों से कम है, क्योंकि पार्टी 24 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। हालांकि, उन्होंने गठबंधन की जीत का भरोसा जताया है। भाकपा-माले ने उन क्षेत्रों पर खास ध्यान केंद्रित किया है जहाँ उसकी मजबूत ज़मीनी पकड़ है, खासकर भोजपुर, सिवान, अरवल और पटना के ग्रामीण इलाके।
भाकपा-माले प्रत्याशियों की पूरी सूची
प्रमुख उम्मीदवारों पर एक नजर
सूची में मौजूदा विधायक संदीप सौरभ (पालीगंज), महानंद सिंह (अरवल), सत्यदेव राम (दरौली-अजा), और गोपाल रविदास (फुलवारी-अजा) शामिल हैं, जो अपनी सीटों को बचाने के लिए मैदान में हैं। इसके अलावा, महबूब आलम (बलरामपुर) और वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता (सिकटा) जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। पार्टी ने आरा से कयूमुद्दीन अंसारी और तरारी से मदन सिंह चन्द्रवंशी जैसे नए-पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है।
भाकपा-माले की यह सूची दर्शाती है कि वह महागठबंधन के भीतर अपने लेफ्ट जनाधार और जमीनी लड़ाई के मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर, बिहार की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पार्टी के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए साफ किया कि सीटों की संख्या उनकी उम्मीदों से कम है, क्योंकि पार्टी 24 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी। हालांकि, उन्होंने गठबंधन की जीत का भरोसा जताया है। भाकपा-माले ने उन क्षेत्रों पर खास ध्यान केंद्रित किया है जहाँ उसकी मजबूत ज़मीनी पकड़ है, खासकर भोजपुर, सिवान, अरवल और पटना के ग्रामीण इलाके।
भाकपा-माले प्रत्याशियों की पूरी सूची
प्रमुख उम्मीदवारों पर एक नजर
सूची में मौजूदा विधायक संदीप सौरभ (पालीगंज), महानंद सिंह (अरवल), सत्यदेव राम (दरौली-अजा), और गोपाल रविदास (फुलवारी-अजा) शामिल हैं, जो अपनी सीटों को बचाने के लिए मैदान में हैं। इसके अलावा, महबूब आलम (बलरामपुर) और वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता (सिकटा) जैसे दिग्गज भी शामिल हैं। पार्टी ने आरा से कयूमुद्दीन अंसारी और तरारी से मदन सिंह चन्द्रवंशी जैसे नए-पुराने चेहरों पर भरोसा जताया है।
भाकपा-माले की यह सूची दर्शाती है कि वह महागठबंधन के भीतर अपने लेफ्ट जनाधार और जमीनी लड़ाई के मुद्दों को प्रमुखता से उठाकर, बिहार की राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण स्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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