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चीन की 'बी-टीम' जिसने भारत का किया बहुत नुकसान, कैसे मारी हमने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी?

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नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की पुरानी व्यापार रणनीति पर सवाल उठाए हैं। खासकर आसियान (ASEAN) देशों के साथ हुए समझौतों की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस रणनीति को 'बेवकूफी भरी' बताया। साथ ही आसियान समूह को चीन की 'बी-टीम' तक कह दिया। आसियान देशों के जरिये भारतीय बाजार में चीनी मूल के सामानों का प्रवेश लंबे समय से चली आ रही चिंता है। इसी बात ने इस आलोचना को और हवा दी है। आसियान व्यापार समझौता भारत के रणनीतिक या आर्थिक हितों को प्रभावी ढंग से पूरा नहीं कर पाया है।



ब्रिटेन में इंडिया ग्लोबल फोरम में बोलते हुए गोयल ने कहा कि पिछली सरकारों ने उन देशों के साथ व्यापार समझौते किए जो हमारे प्रतिस्पर्धी थे। उन्होंने सीधे तौर पर कांग्रेस की UPA सरकार का नाम नहीं लिया। लेकिन, उन्होंने कहा कि भारत ने उन देशों के साथ व्यापार समझौते करने पर ध्यान दिया जो हमारे प्रतिस्पर्धी थे। जबकि हमें ऐसे देशों के साथ साझेदारी करनी चाहिए थी जिनसे हमें फायदा होता।



उदाहरण देकर समझाई अपनी बात

गोयल ने 2010 में हुए ASEAN-भारत मुक्त व्यापार समझौते (AIFTA) को इस गलत रणनीति का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा, 'अगर मैं इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया, लाओस के साथ ASEAN समझौता करता हूं तो यह वाकई में बेवकूफी है। कारण है कि मैं अपना बाजार अपने प्रतिस्पर्धियों के लिए खोल रहा हूं।'



मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि ASEAN देशों का इस्तेमाल चीन के सामान को भारत में भेजने के लिए किया जा रहा है। इससे नियमों को तोड़ा जा रहा है। गोयल ने कहा कि ASEAN 'चीन की बी-टीम' बन गया है। उनका कहना था कि चीन AIFTA के नियमों का फायदा उठाकर ASEAN देशों के जरिए अपने सामान भारत भेज रहा है।



अब व‍िकस‍ित देशों के साथ साझेदारी पर फोकस

इसके उलट, गोयल ने बताया कि वर्तमान सरकार विकसित देशों के साथ व्यापारिक साझेदारी पर ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा, 'इसके बजाय हम ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें तीन से चार महीने और लगेंगे।' इससे पता चलता है कि इन देशों के साथ बातचीत चल रही है।



भारत ने हाल ही में ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापार समझौते किए हैं। इसके अलावा, अमेरिका, यूरोपीय संघ (EU), ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड सहित कई अन्य देशों के साथ बातचीत चल रही है।



भारत यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ भी बातचीत कर रहा है। EFTA में आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं। साथ ही, दक्षिण अमेरिकी देशों चिली और पेरू के साथ भी बातचीत चल रही है।



ASEAN देशों के माध्यम से चीनी सामानों का भारत में प्रवेश एक लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। इस वजह से भी इस समझौते की आलोचना हो रही है कि इसने भारत के रणनीतिक या आर्थिक हितों को प्रभावी ढंग से पूरा नहीं किया है।



पीयूष गोयल का कहना है कि पिछली सरकारों ने उन देशों के साथ व्यापारिक समझौते किए जिनसे हमें मुकाबला करना था। जबकि हमें उन देशों के साथ समझौते करने चाहिए थे जिनसे हमें फायदा होता। उन्होंने AIFTA को एक गलत समझौता बताया। उनका मानना है कि इससे भारत को नुकसान हुआ है।



आसियान (ASEAN) समूह में दक्षिण-पूर्व एशिया के 10 देश शामिल हैं। इस समूह के सदस्य देशों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। ये सभी देश भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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