पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पूर्व नेता अनिल सहनी बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। पूर्व सांसद सहनी को तीन वर्ष पहले केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक अदालत ने धोखाधड़ी के एक मामले में दोषी ठहराया था।
अनिल सहनी को भाजपा में शामिल किए जाने की घोषणा पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में की गई, जहां केंद्रीय मंत्री और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े मौजूद थे।
जाली हवाई टिकट जमा करने के आरोप में दोषी
दिल्ली में सीबीआई अदालत ने सहनी को वर्ष 2012 में कथित रूप से जाली हवाई टिकट जमा करने के आरोप में दोषी पाया था। उस समय वे राज्यसभा सदस्य थे और उन्होंने यात्रा किए बिना ही एलटीसी (यात्रा संबंधी रियायत) का लाभ उठाया था।
‘निषाद’ समुदाय की मुजफ्फरपुर में अच्छी खासी आबादी
अनिल सहनी का भाजपा में शामिल होना पार्टी द्वारा ‘निषाद’ समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) समुदाय की उनके गृह जिले मुजफ्फरपुर में अच्छी खासी आबादी है।
2020 के चुनाव में मिली थी जीत
अनिल सहनी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट से भाजपा प्रत्याशी केदार गुप्ता को लगभग 900 वोटों के अंतर से हराया था। बाद में सहनी की सदस्यता रद्द होने के बाद हुए उपचुनाव में गुप्ता ने यह सीट जीत ली और राज्य सरकार में मंत्री बने।
अनिल सहनी को भाजपा में शामिल किए जाने की घोषणा पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में की गई, जहां केंद्रीय मंत्री और बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े मौजूद थे।
जाली हवाई टिकट जमा करने के आरोप में दोषी
दिल्ली में सीबीआई अदालत ने सहनी को वर्ष 2012 में कथित रूप से जाली हवाई टिकट जमा करने के आरोप में दोषी पाया था। उस समय वे राज्यसभा सदस्य थे और उन्होंने यात्रा किए बिना ही एलटीसी (यात्रा संबंधी रियायत) का लाभ उठाया था।
‘निषाद’ समुदाय की मुजफ्फरपुर में अच्छी खासी आबादी
अनिल सहनी का भाजपा में शामिल होना पार्टी द्वारा ‘निषाद’ समुदाय तक अपनी पहुंच बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। इस अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) समुदाय की उनके गृह जिले मुजफ्फरपुर में अच्छी खासी आबादी है।
2020 के चुनाव में मिली थी जीत
अनिल सहनी ने 2020 के विधानसभा चुनाव में कुढ़नी सीट से भाजपा प्रत्याशी केदार गुप्ता को लगभग 900 वोटों के अंतर से हराया था। बाद में सहनी की सदस्यता रद्द होने के बाद हुए उपचुनाव में गुप्ता ने यह सीट जीत ली और राज्य सरकार में मंत्री बने।
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