ऐप्स अगर आपके एंड्रॉयड स्मार्टफोन की बैटरी खा रहे हैं तो आगे से वे ऐसा नहीं कर पाएंगे। मार्च 2026 से, गूगल प्ले स्टोर उन एंड्रॉइड ऐप्स के बारे में यूजर्स को चेतावनी देगा, जो बहुत ज्यादा बैटरी खाते हैं। उन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर कम दिखाया जाएगा, जो वेक लॉक्स ( wake locks ) फीचर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये फीचर स्क्रीन ऑफ होने पर भी डिवाइस को चालू रखता है। अभी यह जानकारी नहीं है कि गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे ऐप्स को कम दिखाया या फिर उन्हें 'अत्यधिक बैटरी ड्रेन' लेबल के साथ दिखाया जाएगा ताकि लोगों को डाउनलोड करने से पहले पता हो कि वह ऐप उनके फोन की बैटरी ज्यादा खाएगा। गूगल ने एंड्रॉइड ऐप्स के लिए ये नए नियम कड़े कर दिए हैं ताकि वे फोन की बैटरी को चुपके से खत्म न कर सकें।
विजिबिलिटी खो सकते हैं ऐसे ऐप्सएंड्रॉइड डेवलपर्स ब्लॉग के अनुसार, ऐसे ऐप्स रैंकिंग में अपनी विजिबिलटी खो सकते हैं या उन पर अत्यधिक बैटरी उपयोग किए जाने का लेबल दिखाई दे सकता है। बता दें कि इस पॉलिसी को सैमसंग के साथ मिलकर बनाया गया है। इसका उद्देश्य यूजर्स को यह साफ-साफ जानकारी देना है कि कौन से ऐप्स उनके फोन की बैटरी सबसे ज्यादा खर्च करते हैं।
यह बदलाव उन ऐप्स पर लागू होगा, जो बैकग्राउंड में चलते हुए भी फोन की बैटरी को बेवजह इस्तेमाल करते हैं। 'वेक लॉक' एक ऐसी तकनीक है, जिसका इस्तेमाल ऐप्स करते हैं ताकि फोन स्लीप मोड में न जाएं और वे अपना काम करते रहें। इसका गलत इस्तेमाल करने से बैटरी बहुत जल्दी खत्म हो जाती है।
Google का यह कदम उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए उठाया गया है। अब प्ले स्टोर पर ऐप्स चुनते समय लोग इस बात का ध्यान रख पाएंगे कि कौन सा ऐप उनकी बैटरी पर ज्यादा बोझ डाल रहा है। इससे वे ऐसे ऐप्स से बच सकेंगे जो उनकी बैटरी लाइफ को कम करते हैं।
डेवलपर्स के लिए चेतावनीयह नियम उन डेवलपर्स के लिए भी एक चेतावनी है, जो अपने ऐप्स को ऑप्टिमाइज नहीं करते। उन्हें अपने ऐप्स को इस तरह से बनाना होगा कि वे बैटरी का कम से कम इस्तेमाल करें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके ऐप्स की पहुंच प्ले स्टोर पर सीमित हो सकती है। गूगल की अन्य नई तकनीकी की जानकारियां भी सामने आई हैं। जैसे कि गूगल का नैनो बनाना 3.0 (Nano Banana 3.0) 4K आउटपुट के साथ आ सकता है। इसमें जेमिनी 3.0 का इस्तेमाल होगा। बता दें कि भारत डेटा सेंटर के बड़े बाजारों में से एक है।
विजिबिलिटी खो सकते हैं ऐसे ऐप्सएंड्रॉइड डेवलपर्स ब्लॉग के अनुसार, ऐसे ऐप्स रैंकिंग में अपनी विजिबिलटी खो सकते हैं या उन पर अत्यधिक बैटरी उपयोग किए जाने का लेबल दिखाई दे सकता है। बता दें कि इस पॉलिसी को सैमसंग के साथ मिलकर बनाया गया है। इसका उद्देश्य यूजर्स को यह साफ-साफ जानकारी देना है कि कौन से ऐप्स उनके फोन की बैटरी सबसे ज्यादा खर्च करते हैं।
यह बदलाव उन ऐप्स पर लागू होगा, जो बैकग्राउंड में चलते हुए भी फोन की बैटरी को बेवजह इस्तेमाल करते हैं। 'वेक लॉक' एक ऐसी तकनीक है, जिसका इस्तेमाल ऐप्स करते हैं ताकि फोन स्लीप मोड में न जाएं और वे अपना काम करते रहें। इसका गलत इस्तेमाल करने से बैटरी बहुत जल्दी खत्म हो जाती है।
Google का यह कदम उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव देने के लिए उठाया गया है। अब प्ले स्टोर पर ऐप्स चुनते समय लोग इस बात का ध्यान रख पाएंगे कि कौन सा ऐप उनकी बैटरी पर ज्यादा बोझ डाल रहा है। इससे वे ऐसे ऐप्स से बच सकेंगे जो उनकी बैटरी लाइफ को कम करते हैं।
डेवलपर्स के लिए चेतावनीयह नियम उन डेवलपर्स के लिए भी एक चेतावनी है, जो अपने ऐप्स को ऑप्टिमाइज नहीं करते। उन्हें अपने ऐप्स को इस तरह से बनाना होगा कि वे बैटरी का कम से कम इस्तेमाल करें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके ऐप्स की पहुंच प्ले स्टोर पर सीमित हो सकती है। गूगल की अन्य नई तकनीकी की जानकारियां भी सामने आई हैं। जैसे कि गूगल का नैनो बनाना 3.0 (Nano Banana 3.0) 4K आउटपुट के साथ आ सकता है। इसमें जेमिनी 3.0 का इस्तेमाल होगा। बता दें कि भारत डेटा सेंटर के बड़े बाजारों में से एक है।
You may also like

'कई किमी तक सुनाई दी गोलियों की आवाज', प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया- जवानों ने कैसे किया 6 नक्सलियों को एनकाउंटर

बड़े धमाके की थी प्लानिंग... लाल किला ब्लास्ट का सामने आया पाकिस्तानी कनेक्शन, गृह मंत्रालय ने बताया आतंकी संगठन का नाम

सीबीआई ने रिश्वतखोरी के आरोप में दो लोगों को किया गिरफ्तार

काजू : स्वाद के साथ सेहत का भी रखे ख्याल, जानिए चमत्कारी गुण

अभिषेक बजाज ने पूर्व पत्नी के आरोपों पर दिया करारा जवाब, जानें क्या कहा!




