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योगी आदित्यनाथ को PM चेहरा घोषित करने की थी तैयारी! अखिलेश यादव ने BJP की बड़ी प्लानिंग का किया खुलासा

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प्रयागराज: अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर महाकुंभ मेले का राजनीतिकरण करने, भगदड़ को रोकने में विफल रहने और सच्चाई को छिपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने 2027 में सत्ता में आने पर मामले की जांच कराने का वादा किया है। अखिलेश का कहना है कि भाजपा योगी को पीएम का चेहरा घोषित करने वाली थी। BJP ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है और विपक्ष पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने BJP पर महाकुंभ मेले को राजनीतिक तमाशा बनाने का आरोप लगाया है। अखिलेश का कहना है कि इस धार्मिक आयोजन का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने इस आयोजन को अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया। सपा मुखिया ने यहाँ तक कह दिया कि महाकुंभ में भाजपा की योजना अगले प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करने की थी।कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव प्रयागराज में एक शादी में शामिल होने गए थे। वहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 'मुख्यमंत्री खुद महाकुंभ की विफलता के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने इसे BJP का कार्यक्रम बनाने की कोशिश की। प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करने की भी योजना थी। यह धार्मिक कुंभ नहीं, बल्कि राजनीतिक कुंभ था।' अखिलेश का इशारा है कि योगी आदित्यनाथ को पीएम के तौर पर नामित किए जाने की तैयारी थी।अखिलेश यादव का यह बयान प्रयागराज में 29 जनवरी को हुई भगदड़ के बाद आया है। इस भगदड़ में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई थी और कई दर्जन घायल हो गए थे। इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा था और लोगों ने इस धार्मिक आयोजन के प्रबंधन पर सवाल उठाए थे। कई विपक्षी नेताओं ने इस घटना को 'VIP कल्चर' और प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा बताया था।अखिलेश यादव ने सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने न केवल मृतकों की संख्या और मेले से जुड़े वित्तीय आंकड़ों को गलत तरीके से पेश किया, बल्कि शोक संतप्त परिवारों पर मृत्यु प्रमाण पत्र बदलने का भी दबाव डाला। अखिलेश ने कहा, 'सच्चाई शायद सभी तक नहीं पहुंची होगी। जो लोग इस इलाके में रहते हैं, उन्होंने इसे अपनी आंखों से देखा होगा।'उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ड्रोन और CCTV जैसे निगरानी उपकरण, जो लाखों भक्तों की भीड़ में बहुत जरूरी होते हैं, या तो बंद कर दिए गए थे या खराब पड़े थे। उन्होंने पूछा कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा और इसकी तैयारी क्यों नहीं की गई थी।अखिलेश यादव ने 2025 में होने वाले महाकुंभ के लिए कुछ सुझावों की एक पुस्तिका जारी की, जिसे उन्होंने पहले ऑनलाइन पोस्ट किया था। उन्होंने 2013 के कुंभ पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि पिछली बार यह आयोजन बेहतर तरीके से किया गया था। उन्होंने भरोसा दिलाया कि 'अगर हमारी पार्टी 2027 में सत्ता में आती है, तो इस बात की पूरी जांच की जाएगी कि क्या गलत हुआ था।'भगदड़ के तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि 'जो लोग महाकुंभ में विश्व स्तरीय व्यवस्था करने का दावा करते हैं, उन्हें मौतों की नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।' यादव ने यह भी सुझाव दिया था कि कुंभ का प्रबंधन और प्रशासन सेना को सौंप दिया जाना चाहिए।इस बीच, BJP ने यादव के आरोपों को खारिज कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष की बातों का जवाब देते हुए उन्हें 'झूठा और सनातन विरोधी' बताया। उन्होंने दावा किया कि भगदड़ एक साजिश का नतीजा थी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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