नई दिल्ली: संसद का मॉनसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। दरअसल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि वे संसद के मॉनसून सत्र में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की मांग करेंगे। मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा। उन्होंने यह बात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के उस खुलासे के बाद कही है जिसमें उन्होंने बताया कि चीन ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान एयर फोर्स की किस तरह मदद की थी। जयराम रमेश चाहते हैं कि मोदी सरकार इस मुद्दे पर बात करे ताकि भारत चीन-पाकिस्तान से आने वाली चुनौतियों का मिलकर सामना कर सके।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर अचानक क्यों रोक दिया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने बताया कि चीन ने पाकिस्तान एयर फोर्स की असाधारण तरीके से मदद की थी। यह वही चीन है जिसने 5 साल पहले लद्दाख में सब कुछ बदल दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून, 2020 को उसे सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट दे दी थी।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि कांग्रेस पिछले पांच सालों से संसद में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की मांग कर रही है, लेकिन मोदी सरकार हमेशा से इस बात से इनकार करती रही है। कांग्रेस आने वाले मॉनसून सत्र में भी यह मांग जारी रखेगी। यह सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने मुद्दों में किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार कर दिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया था, जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर में लड़ाई बंद हो गई थी। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि हाल ही में चीन ने कुनमिंग में पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक की थी। उन्होंने कहा कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर है, सीमा पर जो समझौता हुआ है, वह पहले जैसी स्थिति को बहाल नहीं करता है।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर. सिंह ने सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन सिंदूर को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कहने पर अचानक क्यों रोक दिया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने बताया कि चीन ने पाकिस्तान एयर फोर्स की असाधारण तरीके से मदद की थी। यह वही चीन है जिसने 5 साल पहले लद्दाख में सब कुछ बदल दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून, 2020 को उसे सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट दे दी थी।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि कांग्रेस पिछले पांच सालों से संसद में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की मांग कर रही है, लेकिन मोदी सरकार हमेशा से इस बात से इनकार करती रही है। कांग्रेस आने वाले मॉनसून सत्र में भी यह मांग जारी रखेगी। यह सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है।
भारत ने पाकिस्तान के साथ अपने मुद्दों में किसी भी तरह की मध्यस्थता से इनकार कर दिया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान के DGMO (डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस) ने अपने भारतीय समकक्ष को फोन किया था, जिसके बाद ऑपरेशन सिंदूर में लड़ाई बंद हो गई थी। जयराम रमेश ने यह भी कहा कि हाल ही में चीन ने कुनमिंग में पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ एक त्रिपक्षीय बैठक की थी। उन्होंने कहा कि भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा रिकॉर्ड स्तर पर है, सीमा पर जो समझौता हुआ है, वह पहले जैसी स्थिति को बहाल नहीं करता है।
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