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सरकारी स्कीम से मुआवज़ा दिलाने के नाम पर लोगों को लगाता था चूना, जानिए कैसे चलता था कमीशनखोरी का खेल

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सोनू राना, गुड़गांव : सरकार की ओर से जारी मुआवजे के पैसे दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपियों को बिलासपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान राजस्थान के खैरथल के विकास और हेली मंडी के महेंद्र के रूप में हुई है। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल और एक मारुति ब्रेजा गाड़ी बरामद की गई है।



दीनदयाल योजना के तहत मिलने थे 5 लाख


पुलिस प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया कि 28 जून को जमालपुर चौकी को मुआवजे के पैसे दिलाने के नाम पर कमीशन मांगने की शिकायत मिली थी। शिकायतकर्ता ने बताया था कि जनवरी 2024 को उनके बड़े भाई की मृत्यु हो गई थी। उनके भाई के परिवार के पास बीपीएल कार्ड होने के कारण भाभी ने दीनदयाल योजना के तहत 5 लाख रुपये मुआवजे के लिए आवेदन किया था। इसे हरियाणा सरकार ने मंजूर कर लिया। हालांकि भाभी का बैंक खाता उनकी बेटियों के साथ संयुक्त न होने के कारण राशि उनके खाते में नहीं आई।



30 फीसदी तक मांगा था कमीशन

एक अज्ञात व्यक्ति ने 14 जून को भाभी को फोन कर मुआवजा राशि दिलाने की बात कही और कमीशन की मांग की। शिकायतकर्ता ने जब उस नंबर पर संपर्क किया तो आरोपी ने 15 दिन में पैसे दिलाने का दावा करते हुए पटौदी में मिलने को कहा। वहां आरोपी और उनके साथी एक गाड़ी में मिले और मुआवजे के पैसे दिलाने के लिए 30 फीसदी यानी डेढ़ लाख रुपये कमीशन मांगा, जिसे शिकायतकर्ता ने मना कर दिया। गुड़गांव पुलिस ने मामला दर्ज कर दोनो आरोपियों विकास व महेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। महेंद्र पटौदी में पैथलैब चलाता है और विकास आरओ कंपनी में काम करता है। आरोपियों ने ऐसी करीब 15 वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की है।







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