नई दल्ली: ऑपरेशन महादेव में मारे गए पहलगाम हमले में शामिल तीनों आतंकियों के पास से सिर्फ हथियार और गोला-बारूद ही नहीं मिले हैं। उनके पास से कई ऐसे संचार उपकरण भी मिले हैं, जिनसे उनके पाकिस्तानी आकाओं का राज खुल सकता है। सुरक्षा बलों की अगली चुनौती यही है कि कैसे उनके माध्यम से पाकिस्तान में बैठे उनके आकाओं की पहचान की जा सके और उसके माध्यम से असीम मुनीर की सेना और आईएसआई की साजिशों का खुलासा किया जा सके। आतंकियों के पास से जो चीजें बरामद हुई हैं, उनमें से कुछ मोबाइल फोन और लॉन्ग रेंज सेट महत्वपूर्ण हैं।
आतंकियों से बरामद संचार उपकरणों की जांच
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन महादेव के दौरान आतंकियों के पास से कम से कम तीन मोबाइल फोन और दो लॉन्ग रेंज (LoRa) संचार उपकरण बरामद हुए हैं। सूत्रों से पता चला है कि इन उपकरणों में बहुत महत्वपूर्ण डेटा मौजूद हैं, जिनमें दो पाकिस्तानी एनएडीआरए (नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) कार्ड भी शामिल हैं। इन उपकरणों से डेटा डिकोड करने के लिए इनकी अभी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) में इनकी जांच चल रही है। यह जांच 'लॉन्ग रेंज' सेट में पाकिस्तान की किसी तरह की छाप की मौजूदगी का पता लगाने के लिए भी हो रही है।
मोबाइल फोन, LoRa सेट खोलेंगे गुप्त राज!
सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पास से जो अन्य चीजें बरामद की हैं, उनमें गोप्रो हार्नेस (GoPro harness), एक 28 वॉट का सोलर चार्जर, तीन मोबाइल चार्जर, एक स्विस मिलिट्री पावर बैंक भी शामिल हैं। इनके अलावा बड़ी मात्रा में चाय समेत स्टोव और खाने-पीने की सूखी चीजें और दवाइयां भी मिली हैं। लेकिन, सुरक्षा बलों का मुख्य फोकस मोबाइल फोन और LoRa सेट पर ही, जिससे पाकिस्तान और वहां बैठे आतंक के आकाओं की कुंडली पढ़ी जा सके। LoRa सेट से मिलने वाली जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे इन आतंकियों के भारत में रहने के दौरान उनकी मूवमेंट और लोकेशन के साथ-साथ, इसे कहां बनाया गया या कहां असेंबल किया गया, इस राज का भी फाश हो सकता है।
आतंकियों के मददगारों की भी होगी पहचान
सूत्रों ने बताया है कि फोन में कई दस्तावेज और फोटो के अलावा लोकल कॉन्टैक्ट और उनकी डिटेल भी हैं। इनकी मदद से उन्हें भारत में रहने के दौरान घाटी में बीते वर्षों में किन-किनसे मदद मिली, इसका भी पता चल सकता है और संभव है कि इसको लेकर कुछ गिरफ्तारियां भी देखने को मिलें। जहां तक एनएडीआरए कार्ड की बात है तो यह बहुत अहम दस्तावेज है, जिससे आतंकियों की पाकिस्तानी पहचान की पुष्टि होती है।
सैटेलाइट फोन से ज्यादा एडवांस है LoRa सेट
बता दें कि LoRa सेट लंबी दूरी से संवाद के उपकरण होते हैं, जो हाल के महीनों में आतंकियों की ओर से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसकी खासियत ये है कि यह बिना सेलुलर नेटवर्क या इंटरनेट के भी लंबी दूरी तक बातचीत करा सकता है और यह बातचीत पकड़ी भी नहीं जा सकती। दूसरी तरफ सैटेलाइट फोन को इंटरसेप्ट करना आसान है। LoRa सेट के इस्तेमाल के लिए सैटेलाइट की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए आतंकी इसे अपने लिए सुरक्षित मानते हैं।
आतंकियों से बरामद संचार उपकरणों की जांच
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन महादेव के दौरान आतंकियों के पास से कम से कम तीन मोबाइल फोन और दो लॉन्ग रेंज (LoRa) संचार उपकरण बरामद हुए हैं। सूत्रों से पता चला है कि इन उपकरणों में बहुत महत्वपूर्ण डेटा मौजूद हैं, जिनमें दो पाकिस्तानी एनएडीआरए (नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी) कार्ड भी शामिल हैं। इन उपकरणों से डेटा डिकोड करने के लिए इनकी अभी नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) में इनकी जांच चल रही है। यह जांच 'लॉन्ग रेंज' सेट में पाकिस्तान की किसी तरह की छाप की मौजूदगी का पता लगाने के लिए भी हो रही है।
मोबाइल फोन, LoRa सेट खोलेंगे गुप्त राज!
सुरक्षा बलों ने आतंकियों के पास से जो अन्य चीजें बरामद की हैं, उनमें गोप्रो हार्नेस (GoPro harness), एक 28 वॉट का सोलर चार्जर, तीन मोबाइल चार्जर, एक स्विस मिलिट्री पावर बैंक भी शामिल हैं। इनके अलावा बड़ी मात्रा में चाय समेत स्टोव और खाने-पीने की सूखी चीजें और दवाइयां भी मिली हैं। लेकिन, सुरक्षा बलों का मुख्य फोकस मोबाइल फोन और LoRa सेट पर ही, जिससे पाकिस्तान और वहां बैठे आतंक के आकाओं की कुंडली पढ़ी जा सके। LoRa सेट से मिलने वाली जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि इससे इन आतंकियों के भारत में रहने के दौरान उनकी मूवमेंट और लोकेशन के साथ-साथ, इसे कहां बनाया गया या कहां असेंबल किया गया, इस राज का भी फाश हो सकता है।
आतंकियों के मददगारों की भी होगी पहचान
सूत्रों ने बताया है कि फोन में कई दस्तावेज और फोटो के अलावा लोकल कॉन्टैक्ट और उनकी डिटेल भी हैं। इनकी मदद से उन्हें भारत में रहने के दौरान घाटी में बीते वर्षों में किन-किनसे मदद मिली, इसका भी पता चल सकता है और संभव है कि इसको लेकर कुछ गिरफ्तारियां भी देखने को मिलें। जहां तक एनएडीआरए कार्ड की बात है तो यह बहुत अहम दस्तावेज है, जिससे आतंकियों की पाकिस्तानी पहचान की पुष्टि होती है।
सैटेलाइट फोन से ज्यादा एडवांस है LoRa सेट
बता दें कि LoRa सेट लंबी दूरी से संवाद के उपकरण होते हैं, जो हाल के महीनों में आतंकियों की ओर से बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जा रहे हैं। इसकी खासियत ये है कि यह बिना सेलुलर नेटवर्क या इंटरनेट के भी लंबी दूरी तक बातचीत करा सकता है और यह बातचीत पकड़ी भी नहीं जा सकती। दूसरी तरफ सैटेलाइट फोन को इंटरसेप्ट करना आसान है। LoRa सेट के इस्तेमाल के लिए सैटेलाइट की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए आतंकी इसे अपने लिए सुरक्षित मानते हैं।
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