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हार्वर्ड के बाद अब UCLA की रुकी फंडिंग, 1750 करोड़ के ग्रांट पर लगी रोक, किस बात की सजा रहे ट्रंप?

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UCLA Funding Freeze: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों देश की टॉप यूनिवर्सिटीज के पीछे पड़े हुए हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की फंडिंग रोकने के बाद अब अगला नंबर 'यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स' (UCLA) का आ गया है। ट्रंप सरकार ने साइंस, मेडिकल और अकेडमिक रिसर्च ग्रांट्स के लिए मिलने वाले 200 मिलियन डॉलर (लगभग 1750 करोड़ रुपये) की फंडिंग रोक दी है। UCLA को अपने इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी फंडिंग रुकने का सामना करना पड़ रहा है।

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ट्रंप सरकार ने यूनिवर्सिटी पर आरोप लगाया है कि वह कैंपस के भीतर यहूदी विरोधी घटनाओं को रोकने में नाकामयाब रही है और एडमिशन के दौरान नस्लीय भेदभाव को बढ़ावा दिया गया है। अमेरिका सरकार की कार्रवाई का सामना करने वाला UCLA अकेला संस्थान नहीं है, बल्कि हार्वर्ड समेत कई टॉप यूनिवर्सिटीज पर भी ऐसे ही आरोपों को लेकर कार्रवाई हुई है। आलोचकों कहना है कि ट्रंप सरकार अकेडमिक आजादी में दखलअंदाजी कर रही है। रिसर्च सेक्टर को भी प्रभावित किया जा रहा है।



सरकार ने क्यों रोकी फंडिंग?

लॉस एंजिल्स टाइम्स के मुताबिक, नेशनल साइंस फाउंडेशन (NSF) की तरफ से 300 ग्रांट्स मिलते थे, जिसकी वैल्यू 180 मिलियन डॉलर थी। सरकार ने अब इसे कैंसिल कर दिया है। इसमें से आधे फंड बांटे भी जा चुके थे और बाकी बची हुई राशि फैकल्टी-रिसर्चर्स को आने वाले महीनों में मिलने वाली थी। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) और अन्य एजेंसियों से मिलने वाली फंडिंग को जोड़ लिया जाए तो कैंसिल हुए ग्रांट की वैल्यू 200 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाती है।



NSF ने यूनिवर्सिटी चांसलर जूलियो फ्रेंक को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि फंडिंग रोकने का फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि UCLA अपने एडमिशन प्रोसेस और स्टूडेंट लाइफ से जुड़े अन्य क्षेत्रों सहित, नस्लभेदी भेदभाव में लिप्त है। ये मामला इससे भी ज्यादा बड़ा है। दरअसल, इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायली सेना ने गाजा में कार्रवाई शुरू कर दी। इसे लेकर फिलिस्तीन के समर्थन में कैंपस में प्रदर्शन हुए।



UCLA पर आरोप लगाया गया है कि उसने कैंपस में हुए प्रदर्शनों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि कैंपस में यहूदी और इजरायली छात्रों के साथ यहूदी विरोधी घटनाएं भी हुईं। इस तरह की घटनाओं को रोकने में UCLA नाकाम रहा है। अमेरिकी सरकार ने इन आरोपों को ही आधार बनाते हुए अब फैसला किया है कि उसे किसी भी तरह का ग्रांट नहीं दिया जाएगा।

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