नई दिल्ली : लंबे समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने रणजी ट्रॉफी में बंगाल के लिए खेलते हुए बुधवार को उत्तराखंड के खिलाफ अपनी वापसी का शानदार प्रदर्शन किया। कोलकाता के ईडन गार्डन्स में शमी ने सिर्फ चार गेंदों में तीन विकेट झटककर उत्तराखंड के निचले क्रम को तहस-नहस कर दिया, जिसके कारण मेहमान टीम 213 रनों पर सिमट गई।
शमी का धाकड़ स्पेल
शमी, जो इस सीजन का अपना पहला रणजी मैच खेल रहे थे, दिन के ज्यादातर समय संघर्ष करते दिखे और अपने पहले 14 ओवरों में कोई विकेट नहीं ले पाए। हालांकि, जैसे ही शाम ढली और गेंद रिवर्स स्विंग होने लगी, 35 साल के मोहम्मद शमी ने अपनी लय पकड़ी। कप्तान अभिमन्यु ईश्वरण ने उन्हें पांचवें स्पेल के लिए वापस बुलाया और उन्होंने तुरंत ही कमाल कर दिया।
पहली गेंद पर उन्होंने जनमेजय जोशी को तेज इन-स्विंगर से बोल्ड किया। दूसरी गेंद, राजन कुमार का बाहरी किनारा लिया, जिसे विकेटकीपर ने लपका। हालांकि वह हैट्रिक मिस कर गए, लेकिन चौथी गेंद पर उन्होंने देवेंद्र सिंह बोरा को एक फुल-लेंथ, रिवर्स स्विंगिंग गेंद पर बोल्ड कर दिया। शमी ने अपने 14.5 ओवरों में 37 रन देकर 3 विकेट लिए। यह प्रदर्शन उनके लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि वह पैर की सर्जरी के कारण भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। हालांकि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले फिट हो गए थे, लेकिन फिर भी उन्हें स्क्वाड में शामिल नहीं किया गया। शमी को टीम से बाहर करके सेलेक्टर्स को अफसोस जरूर हो रहा होगा।
युवा गेंदबाजों का भी रहा जलवा
शमी के आखिरी ओवरों के जादू से पहले, बंगाल के युवा तेज गेंदबाजों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। सूरज सिंधू जायसवाल ने 54 रन देकर 4 विकेट लिए, जबकि ईशान पोरेल ने 40 रन देकर 3 विकेट चटकाए। पोरेल ने उत्तराखंड के टॉप स्कोरर भूपेन लालवानी (71 रन) का महत्वपूर्ण विकेट लिया। लालवानी के आउट होने के बाद ही उत्तराखंड का निचला क्रम लड़खड़ाया और उन्होंने अपने आखिरी चार विकेट सिर्फ 34 रनों पर गंवा दिए, जिसका फायदा शमी ने उठाया।
शमी का धाकड़ स्पेल
शमी, जो इस सीजन का अपना पहला रणजी मैच खेल रहे थे, दिन के ज्यादातर समय संघर्ष करते दिखे और अपने पहले 14 ओवरों में कोई विकेट नहीं ले पाए। हालांकि, जैसे ही शाम ढली और गेंद रिवर्स स्विंग होने लगी, 35 साल के मोहम्मद शमी ने अपनी लय पकड़ी। कप्तान अभिमन्यु ईश्वरण ने उन्हें पांचवें स्पेल के लिए वापस बुलाया और उन्होंने तुरंत ही कमाल कर दिया।
पहली गेंद पर उन्होंने जनमेजय जोशी को तेज इन-स्विंगर से बोल्ड किया। दूसरी गेंद, राजन कुमार का बाहरी किनारा लिया, जिसे विकेटकीपर ने लपका। हालांकि वह हैट्रिक मिस कर गए, लेकिन चौथी गेंद पर उन्होंने देवेंद्र सिंह बोरा को एक फुल-लेंथ, रिवर्स स्विंगिंग गेंद पर बोल्ड कर दिया। शमी ने अपने 14.5 ओवरों में 37 रन देकर 3 विकेट लिए। यह प्रदर्शन उनके लिए महत्वपूर्ण था, क्योंकि वह पैर की सर्जरी के कारण भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। हालांकि वह ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले फिट हो गए थे, लेकिन फिर भी उन्हें स्क्वाड में शामिल नहीं किया गया। शमी को टीम से बाहर करके सेलेक्टर्स को अफसोस जरूर हो रहा होगा।
युवा गेंदबाजों का भी रहा जलवा
शमी के आखिरी ओवरों के जादू से पहले, बंगाल के युवा तेज गेंदबाजों ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया। सूरज सिंधू जायसवाल ने 54 रन देकर 4 विकेट लिए, जबकि ईशान पोरेल ने 40 रन देकर 3 विकेट चटकाए। पोरेल ने उत्तराखंड के टॉप स्कोरर भूपेन लालवानी (71 रन) का महत्वपूर्ण विकेट लिया। लालवानी के आउट होने के बाद ही उत्तराखंड का निचला क्रम लड़खड़ाया और उन्होंने अपने आखिरी चार विकेट सिर्फ 34 रनों पर गंवा दिए, जिसका फायदा शमी ने उठाया।
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