नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत में इजाफा करने के लिए रक्षा मंत्रालय जल्द ही मीडियम ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की खरीद शुरू कर सकता है। इसके लिए वैश्विक स्तर पर तीन देशों की बड़ी विमान निर्माता कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल सकती है।
इस साल दिसंबर के अंत तक रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से 80 मीडियम परिवहन विमानों की खरीद के लिए मंजूरी दे सकता है। इसके साथ ही अगले साल जनवरी में इस खरीद की प्रक्रिया को शुरू करते हुए टेंडर जारी किया जा सकता है।
तीन वैश्विक कंपनियां लाइन में
भारतीय वायुसेना को अपने विमान बेचने के लिए अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन अपने C-130J सुपर हरक्यूलिस, ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर अपने KC-390 मिलेनियम विमान और यूरोपीय कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस अपने A-400M विमान का प्रस्ताव रखेगी।
मेक इन इंडिया के तहत किया जा सौदा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह 40 से 80 विमानों का सौदा 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है। जिसका उद्देश्य रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। जो कंपनी यह टेंडर हासिल करेगी, वह भारत में विमानों के लिए प्रोडक्शन के लिए एक लाइन तैयार करेगी।
टाटा-महिंद्रा के साथ मिलकर बोली लगा रहीं कंपनियां
भारतीय वायुसेना को अपनी बढ़ती हवाई परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए 18 से 30 टन कार्गो ले जाने की क्षमता वाले नए परिवहन विमानों की तलाश है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ मिलकर इस टेंडर के लिए बोली लगाई है। जबकि ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर ने महिंद्रा के साथ मिलकर बोली लगाई है। वहीं एयरबस ने अब तक आधिकारिक तौर पर अपनी भागीदारी की घोषणा नहीं की है।
बता दें कि एयरबस TASL के साथ मिलकर वायु सेना के लिए 56 C-295 विमानों के आधुनिकीकरण के लिए 21,935 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। रक्षा क्षेत्र में, एम्ब्रेयर ने अब तक भारत को वीवीआईपी यात्रा और हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण विमान के रूप में उपयोग के लिए आठ जेट की आपूर्ति की है।
इस साल दिसंबर के अंत तक रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से 80 मीडियम परिवहन विमानों की खरीद के लिए मंजूरी दे सकता है। इसके साथ ही अगले साल जनवरी में इस खरीद की प्रक्रिया को शुरू करते हुए टेंडर जारी किया जा सकता है।
तीन वैश्विक कंपनियां लाइन में
भारतीय वायुसेना को अपने विमान बेचने के लिए अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन अपने C-130J सुपर हरक्यूलिस, ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर अपने KC-390 मिलेनियम विमान और यूरोपीय कंपनी एयरबस डिफेंस एंड स्पेस अपने A-400M विमान का प्रस्ताव रखेगी।
मेक इन इंडिया के तहत किया जा सौदा
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह 40 से 80 विमानों का सौदा 'मेक इन इंडिया' पहल के अनुरूप है। जिसका उद्देश्य रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। जो कंपनी यह टेंडर हासिल करेगी, वह भारत में विमानों के लिए प्रोडक्शन के लिए एक लाइन तैयार करेगी।
टाटा-महिंद्रा के साथ मिलकर बोली लगा रहीं कंपनियां
भारतीय वायुसेना को अपनी बढ़ती हवाई परिवहन जरूरतों को पूरा करने के लिए 18 से 30 टन कार्गो ले जाने की क्षमता वाले नए परिवहन विमानों की तलाश है। अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड के साथ मिलकर इस टेंडर के लिए बोली लगाई है। जबकि ब्राजील की कंपनी एम्ब्रेयर ने महिंद्रा के साथ मिलकर बोली लगाई है। वहीं एयरबस ने अब तक आधिकारिक तौर पर अपनी भागीदारी की घोषणा नहीं की है।
बता दें कि एयरबस TASL के साथ मिलकर वायु सेना के लिए 56 C-295 विमानों के आधुनिकीकरण के लिए 21,935 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। रक्षा क्षेत्र में, एम्ब्रेयर ने अब तक भारत को वीवीआईपी यात्रा और हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण विमान के रूप में उपयोग के लिए आठ जेट की आपूर्ति की है।
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