अहमदाबाद : भारत में बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी चल रही है। खबर है कि भारत पहले जापान में बनी E5 मॉडल की बुलेट ट्रेन का ट्रायल करेगा। इसके बाद E10 मॉडल की नई बुलेट ट्रेन खरीदेगा। अधिकारियों का कहना है कि E10 ट्रेनें भारत और जापान में लगभग एक ही समय पर, 2030 के आसपास शुरू होंगी।
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहे हाई स्पीड कॉरिडोर पर ये नई जापानी ट्रेनें चलेंगी। यह कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 352 किलोमीटर गुजरात में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में है। इसे जापान की शिंकानसेन तकनीक से बनाया जा रहा है। इससे स्पीड, सुरक्षा और भरोसे के मामले में नए मानक स्थापित होने की उम्मीद है।
भारत का मिलेगी सबसे आधुनिक बुलेट ट्रेनएक सरकारी बयान में कहा गया है कि जापान की शिंकानसेन अभी E5 ट्रेनें चला रही है। अगली पीढ़ी की ट्रेनें E10 होंगी। जापान और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए, जापान सरकार ने इस प्रोजेक्ट में E10 शिंकानसेन ट्रेनें देने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि जापान भारत को सबसे आधुनिक बुलेट ट्रेन तकनीक देने के लिए तैयार है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की क्या प्रगति?बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 310 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। बुलेट ट्रेन का कमर्शियल ऑपरेशन 2027 में शुरू होने की उम्मीद है। पहला प्रोटोटाइप 2026 में चलने की संभावना है।
पहले रेलवे बोर्ड बुलेट ट्रेनों के लिए सिर्फ जापानी तकनीक पर निर्भर था। लेकिन अब भारत घरेलू कंपनियों को भी शामिल कर सकता है। हाल ही में, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन (S&T) सिस्टम का एक कॉन्ट्रैक्ट यूरोपीय तकनीक और भारतीय कंपनियों को दिया गया है। इसका मतलब है कि भारत अब अलग-अलग देशों की तकनीकों को मिलाकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहा है।
भारत खुद ही कर रहा कामशिंकानसेन ट्रेनें खरीदने के लिए जापान की कंपनियों से बातचीत जारी है। E5 मॉडल की शिंकानसेन ट्रेनों का ट्रायल किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि ये ट्रेनें भारत में चलने के लिए कितनी सही हैं। साथ ही, E10 ट्रेन में क्या बदलाव करने की जरूरत है, यह भी पता चलेगा। जापानी कंपनियों के अलावा, सरकार ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को भी 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन बनाने का काम सौंपा है। ICF ने इसके लिए डिफेंस पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज - BEML के साथ साझेदारी की है। इसका मतलब है कि भारत खुद भी बुलेट ट्रेन बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई-अहमदाबाद के बीच बन रहे हाई स्पीड कॉरिडोर पर ये नई जापानी ट्रेनें चलेंगी। यह कॉरिडोर 508 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 352 किलोमीटर गुजरात में और 156 किलोमीटर महाराष्ट्र में है। इसे जापान की शिंकानसेन तकनीक से बनाया जा रहा है। इससे स्पीड, सुरक्षा और भरोसे के मामले में नए मानक स्थापित होने की उम्मीद है।
भारत का मिलेगी सबसे आधुनिक बुलेट ट्रेनएक सरकारी बयान में कहा गया है कि जापान की शिंकानसेन अभी E5 ट्रेनें चला रही है। अगली पीढ़ी की ट्रेनें E10 होंगी। जापान और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए, जापान सरकार ने इस प्रोजेक्ट में E10 शिंकानसेन ट्रेनें देने पर सहमति जताई है। इसका मतलब है कि जापान भारत को सबसे आधुनिक बुलेट ट्रेन तकनीक देने के लिए तैयार है।
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की क्या प्रगति?बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 310 किलोमीटर वायाडक्ट का निर्माण पूरा हो चुका है। बुलेट ट्रेन का कमर्शियल ऑपरेशन 2027 में शुरू होने की उम्मीद है। पहला प्रोटोटाइप 2026 में चलने की संभावना है।
पहले रेलवे बोर्ड बुलेट ट्रेनों के लिए सिर्फ जापानी तकनीक पर निर्भर था। लेकिन अब भारत घरेलू कंपनियों को भी शामिल कर सकता है। हाल ही में, सिग्नल और टेलीकम्युनिकेशन (S&T) सिस्टम का एक कॉन्ट्रैक्ट यूरोपीय तकनीक और भारतीय कंपनियों को दिया गया है। इसका मतलब है कि भारत अब अलग-अलग देशों की तकनीकों को मिलाकर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को आगे बढ़ा रहा है।
भारत खुद ही कर रहा कामशिंकानसेन ट्रेनें खरीदने के लिए जापान की कंपनियों से बातचीत जारी है। E5 मॉडल की शिंकानसेन ट्रेनों का ट्रायल किया जाएगा। इससे पता चलेगा कि ये ट्रेनें भारत में चलने के लिए कितनी सही हैं। साथ ही, E10 ट्रेन में क्या बदलाव करने की जरूरत है, यह भी पता चलेगा। जापानी कंपनियों के अलावा, सरकार ने इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को भी 280 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली बुलेट ट्रेन बनाने का काम सौंपा है। ICF ने इसके लिए डिफेंस पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज - BEML के साथ साझेदारी की है। इसका मतलब है कि भारत खुद भी बुलेट ट्रेन बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
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