सोचिए अगर आपको फोन अचानक से रीसेट हो जाए और उसमें मौजूद सारा डेटा जैसे कि फोटो, वीडियो या डॉक्यूमेंट्स डिलीट हो जाएं। ये कोई कोरी कल्पना नहीं बल्कि दक्षिण कोरिया में ऐसा हो रहा है। दरअसल रिपोर्ट्स की मानें तो ऊत्तर कोरिया के हैकर्स ने साइबर हमने का एक नया तरीका निकाला है। अब हैकर्स दूर बैठे दक्षिण कोरियाई लोगों के फोन हैक कर रहे हैं और उनके फोन का जरूरी डेटा डिलीट कर रहे हैं। जेनियन्स सिक्योरिटी सेंटर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी निकल कर सामने आई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक इन साइबर हमलों के पीछे किमसुकी या APT37 नाम के हैकर ग्रुप शामिल हैं।
ऐसे फैलाया जा रहा मैलवेयरहैकर्स लोगों के फोन और लैपटॉप जैसे डिवाइसेज को निशाना बनाने के लिए KakaoTalk नाम की ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स गूगल और दूसरी आईटी सर्विसेज के अकाउंट की जानकारी चुरा चुके हैं। हैकर्स गूगल के लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके पता लगाते हैं कि यूजर कब अपने घर से बाहर जाता है। यूजर के घर से बाहर होने पर उसके फोन को दूर से ही रीसेट कर दिया जाता है। इसके बाद डिवाइस नॉर्मली काम नहीं कर पाता और यूजर को पता नहीं चलता कि उसके डिवाइस के साथ क्या हो रहा है।
स्ट्रेस रिलीफ प्रोग्राम के नाम पर घोखाधड़ीहैकर्स के इस हमले की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये निशाना बनाने वाले के घर में पहले से मौजूद इन्फेक्टेड कंप्यूटर और टैबलेट का इस्तेमाल करके "स्ट्रेस रिलीफ प्रोग्राम" के नाम से मैलवेयर फैलाते हैं। इसके बाद मैलवेयर उस यूजर के जानकारों को भेजा जाता है। इससे और भी ज्यादा लोग जाल में फंस जाते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो हैकर्स लोगों के कंप्यूटर के वेबकैम को भी एक्सेस कर पा रहे हैं। इनके जरिए वह चेक करते हैं कि यूजर घर पर है या नहीं और उसकी हर गतिविधी पर नजर रखते हैं।
आक्रामक होता उत्तर कोरियाजेनियन्स सिक्योरिटी सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डिवाइस को खराब करने और अकाउंट के जरिए मैलवेयर फैलाने का ऐसा तरीका पहले कभी नहीं देखा गया। इससे पता चलता है कि हैकर्स बेहद शातिर हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया द्वारा पूर्वी सागर में शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की कड़ी निंदा की थी। इसके बाद से ही दोनों के बीच गहमा-गहमी बढ़ी हुई है और उत्तर कोरिया की ओर से आक्रामक साइबर हमले किए जा रहे हैं।
ऐसे फैलाया जा रहा मैलवेयरहैकर्स लोगों के फोन और लैपटॉप जैसे डिवाइसेज को निशाना बनाने के लिए KakaoTalk नाम की ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मैलवेयर के जरिए हैकर्स गूगल और दूसरी आईटी सर्विसेज के अकाउंट की जानकारी चुरा चुके हैं। हैकर्स गूगल के लोकेशन ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके पता लगाते हैं कि यूजर कब अपने घर से बाहर जाता है। यूजर के घर से बाहर होने पर उसके फोन को दूर से ही रीसेट कर दिया जाता है। इसके बाद डिवाइस नॉर्मली काम नहीं कर पाता और यूजर को पता नहीं चलता कि उसके डिवाइस के साथ क्या हो रहा है।
स्ट्रेस रिलीफ प्रोग्राम के नाम पर घोखाधड़ीहैकर्स के इस हमले की सबसे खतरनाक बात यह है कि ये निशाना बनाने वाले के घर में पहले से मौजूद इन्फेक्टेड कंप्यूटर और टैबलेट का इस्तेमाल करके "स्ट्रेस रिलीफ प्रोग्राम" के नाम से मैलवेयर फैलाते हैं। इसके बाद मैलवेयर उस यूजर के जानकारों को भेजा जाता है। इससे और भी ज्यादा लोग जाल में फंस जाते हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो हैकर्स लोगों के कंप्यूटर के वेबकैम को भी एक्सेस कर पा रहे हैं। इनके जरिए वह चेक करते हैं कि यूजर घर पर है या नहीं और उसकी हर गतिविधी पर नजर रखते हैं।
आक्रामक होता उत्तर कोरियाजेनियन्स सिक्योरिटी सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि डिवाइस को खराब करने और अकाउंट के जरिए मैलवेयर फैलाने का ऐसा तरीका पहले कभी नहीं देखा गया। इससे पता चलता है कि हैकर्स बेहद शातिर हैं। बता दें कि पिछले हफ्ते दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरिया द्वारा पूर्वी सागर में शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की कड़ी निंदा की थी। इसके बाद से ही दोनों के बीच गहमा-गहमी बढ़ी हुई है और उत्तर कोरिया की ओर से आक्रामक साइबर हमले किए जा रहे हैं।
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