लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार से मतदाता सूची के विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (Special Intensive Revision- SIR) अभियान की शुरुआत तो हुई, लेकिन पहले ही दिन इस अभियान को झटका लग गया। राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में बूथ लेवल अधिकारियों को समय पर गणना प्रपत्र (फॉर्म) नहीं मिल पाए, जिसके चलते अभियान की शुरुआत बाधित रही। हालांकि, प्रदेश के अन्य जिलों में अभियान शुरू किया गया है। जिलों से रिपोर्ट ली गई है। इसको लेकर साफ किया गया है कि लोगों को आगे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। प्रक्रिया को तेज गति से पूरा कराने के लिए चुनाव आयोग की ओर से पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
1.62 लाख बीएलओ की ड्यूटीमतदाता गणना प्रपत्र बांटने के लिए 1,62,000 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। पहले दिन प्रदेश में लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में गणना प्रपत्र बांटने का काम शुरू हुआ। बीएलओ ने इसे भरने का तरीका समझाए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिलों से रिपोर्ट लेकर शुद्ध मतदाता सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। एसआईआर से संबंधित भ्रांतियां को दूर करने का निर्देश दिया गया है। कोई भी मतदाता भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल http://voters.eci.gov.in से भी ऑनलाइन गणना प्रपत्र डाउनलोड कर सकता है। वर्ष 2003 की एसआईआर सूची में भी अपना और परिवार के सदस्यों के नाम भी पोर्टल पर देख सकते हैं।
मतदाता के घर तीन बार जाएंगे बीएलओबीएलओ एसआईआर की प्रक्रिया को पूरी कराने के लिए 4 दिसंबर तक हर मतदाता के घर तीन-तीन बार जाएंगे। वे गणना प्रपत्र भरवाकर जमा करेंगे। फॉर्म में नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम, विधानसभा का नाम, राज्य की प्रविष्टियां भरी होंगी। इस पर वोटर की फोटो भी होगी। अन्य खानों में जन्मतिथि, पिता का नाम, उनका एपिक, माता का नाम, उनका एपिक, पति-पत्नी का नाम और पति या पत्नी की एपिक संख्या भरेंगे। गणना प्रपत्र में वर्ष 2003 में हुए एसआईआर की निर्वाचक नियमावली से संबंधित विवरण भी मतदाता भरेंगे।
एसआईआर में दिए जाने वाले विवरण, महत्वपूर्ण तिथियां:
एसआईआर प्रक्रिया के दौरान क्या होगा?एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बूथ लेवल अफसर मतदाताओं के घर जाकर उनकी डीटेल्स को सत्यापित करेंगे और गणना फॉर्म बाटेंगे। नए पात्र मतदाताओं, जिनकी उम्र 18 वर्ष की आयु पूरी होने वाली होगी, के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। मृत या स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे। वोटर लिस्ट में शामिल मतदाताओं के विवरण, जैसे पता, फोटो और अन्य जानकारी को सुधारा जाएगा।
एसआईआर के तहत साफ किया गया है कि किसी भी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से तत्काल डिलीट नहीं किया जाएगा। वेरिफिकेशन और चुनाव अधिकारी की ओर से नोटिस के बाद ही नाम हटाया जासकता है। एसआईआर के दौरान परिवार का कोई भी सदस्य अनुपस्थित सदस्यों की गणना फॉर्म भर सकता है। शर्त यह रखी गई है कि उनके पास मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हों
फॉर्म पर करना होगा हस्ताक्षरगणना फॉर्म पर परिवार के किसी अन्य सदस्य की ओर से इसे भरने के बाद हस्ताक्षर भी करना होगे, ताकि इसका प्रमाण रह सके। फॉर्म भरने के बाद संबंधित बीएलओ इसे ले लेंगे। घर-घर जाकर गणना की यह महीने भर भर चलने वाली प्रक्रिया 4 दिसंबर तक जारी रहेगी। 9 दिसंबर को मसौदा नामावली प्रकाशित की जाएगी।
ऑनलाइन भी भर सकेंगे फॉर्ममतदाता ऑनलाइन भी गणना फॉर्म भर सकते हैं। अगर वाटर या उनके परिवार का कोई सदस्य बीएलओ से मिलने के लिए घर पर नहीं है तो इस प्रकार की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। यह आयोग की वेबसाइट पर मिलेगा। एसआईआर देश के वैध मतदाता के रूप में पात्रता का पता लगाने के लिए आयोजित की जा रही है। चुनाव आयोग को किसी देशवासी की नागरिकता निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। इसे स्पष्ट किया गया है।
क्या है चुनौतियां?एसआईआर के तहत दस्तावेजों के अभाव का मामला सामने आ रहा है। कई ग्रामीण और गरीब वोटरों के पास नागरिकता या निवास के मान्य दस्तावेज नहीं हो सकते हैं, जिससे उनका नाम सूची से हटाने का जोखिम बढ़ेगा। कुछ राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया को अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने के प्रयासों ने विवाद खड़ा किया है। वोटरों से आधार (केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं) या अन्य नागरिकता प्रमाण दस्तावेजों की मांग को लेकर विरोध हुआ है।
बीएलओ पहुंचे, हाथ खालीराजधानी के ज्यादातर बीएलओ सुबह तय समय पर बूथों पर पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें गणना प्रपत्र की किट नहीं दी गई। मोहनलालगंज, निगोहां, काकोरी, रहीमाबाद, लखनऊ पूर्व और कैंट क्षेत्र के कई इलाकों में बीएलओ पूरे दिन इंतज़ार करते रहे। दोपहर तक केवल 30 से 35 फीसदी बीएलओ को ही प्रपत्र सौंपे जा सके।
कई अधिकारियों का कहना है कि प्रशिक्षण एक दिन पहले ही पूरा हुआ। निर्वाचन आयोग की ओर से कागजी प्रपत्र देर शाम या अगले दिन तक उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। ऐसे में घर-घर जाकर गणना कार्य की शुरुआत अब बुधवार से ही संभव हो सकी।
विपक्ष ने उठाए सवालपहले दिन की अफरातफरी पर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव गौरव सिंह यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों को पहले से नहीं बताया गया कि बीएलओ कब और कहां जाएंगे। जब बैठक में स्पष्ट कहा गया था कि दलों के बूथ एजेंट भी बीएलओ के साथ जाएंगे, तो फिर बिना सूचना अभियान कैसे शुरू हो गया?
सपा नेता ने आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अधिकांश अधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाया।
कांग्रेस के पार्षद और पूर्व शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने भी कहा कि हमारे वार्ड प्रभारियों से शाम तक संपर्क हुआ, लेकिन एक भी जगह बीएलओ के पहुंचने की पुष्टि नहीं मिली।
डीएम ने किया निरीक्षणहालांकि, सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में गणना प्रपत्र वितरण की शुरुआत हो गई। डीएम विशाख जी स्वयं मौके पर पहुंचीं और बूथ संख्या 19, 20 और 100 का निरीक्षण किया। वहां बीएलओ राजेश चंद्र राव, सरला और गंगाराम मौजूद मिले। डीएम ने सभी से विस्तृत जानकारी ली और निर्देश दिया कि हर मतदाता तक प्रपत्र समय पर पहुंचना चाहिए। चार दिसंबर से पहले सभी प्रपत्र भरवाकर इकट्ठा कर लिए जाएं। निरीक्षण के दौरान अपर नगर मजिस्ट्रेट सचिन वर्मा समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
डीएम विशाख जी ने इस दौरान मतदाताओं से भी बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्वाचन संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभियान को पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए।
1.62 लाख बीएलओ की ड्यूटीमतदाता गणना प्रपत्र बांटने के लिए 1,62,000 बीएलओ की ड्यूटी लगाई गई है। पहले दिन प्रदेश में लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में गणना प्रपत्र बांटने का काम शुरू हुआ। बीएलओ ने इसे भरने का तरीका समझाए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने जिलों से रिपोर्ट लेकर शुद्ध मतदाता सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। एसआईआर से संबंधित भ्रांतियां को दूर करने का निर्देश दिया गया है। कोई भी मतदाता भारत निर्वाचन आयोग के पोर्टल http://voters.eci.gov.in से भी ऑनलाइन गणना प्रपत्र डाउनलोड कर सकता है। वर्ष 2003 की एसआईआर सूची में भी अपना और परिवार के सदस्यों के नाम भी पोर्टल पर देख सकते हैं।
मतदाता के घर तीन बार जाएंगे बीएलओबीएलओ एसआईआर की प्रक्रिया को पूरी कराने के लिए 4 दिसंबर तक हर मतदाता के घर तीन-तीन बार जाएंगे। वे गणना प्रपत्र भरवाकर जमा करेंगे। फॉर्म में नाम, एपिक संख्या, भाग संख्या, क्रम, विधानसभा का नाम, राज्य की प्रविष्टियां भरी होंगी। इस पर वोटर की फोटो भी होगी। अन्य खानों में जन्मतिथि, पिता का नाम, उनका एपिक, माता का नाम, उनका एपिक, पति-पत्नी का नाम और पति या पत्नी की एपिक संख्या भरेंगे। गणना प्रपत्र में वर्ष 2003 में हुए एसआईआर की निर्वाचक नियमावली से संबंधित विवरण भी मतदाता भरेंगे।
एसआईआर में दिए जाने वाले विवरण, महत्वपूर्ण तिथियां:
- जन्मतिथि
- आधार नंबर (वैकल्पिक)
- मोबाइल नंबर
- पिता या अभिभावक का नाम, अगर उपलब्ध हो तो पिता और अभिभावक का एपिक नंबर भी दिया जा सकता है
- माता का नाम और एपिक नंबर
- पत्नी और बच्चों के नाम और एपिक नंबर
- 4 नवंबर से 9 दिसंबर: बीएलओ घर-घर जाकर वेरिफिकेशन करेंगे
- 9 दिसंबर: मसौदा वोटर लिस्ट प्रकाशित होगा
- 9 दिसंबर से 8 जनवरी: मसौदा वोटर लिस्ट पर दावा और आपत्ति ली जाएगी
- 31 जनवरी: दावा और आपत्तियों का निष्पादन किया जाएगा
- 4 फरवरी: मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा
एसआईआर प्रक्रिया के दौरान क्या होगा?एसआईआर प्रक्रिया के दौरान बूथ लेवल अफसर मतदाताओं के घर जाकर उनकी डीटेल्स को सत्यापित करेंगे और गणना फॉर्म बाटेंगे। नए पात्र मतदाताओं, जिनकी उम्र 18 वर्ष की आयु पूरी होने वाली होगी, के नाम मतदाता सूची में जोड़े जाएंगे। मृत या स्थाई रूप से स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जाएंगे। वोटर लिस्ट में शामिल मतदाताओं के विवरण, जैसे पता, फोटो और अन्य जानकारी को सुधारा जाएगा।
एसआईआर के तहत साफ किया गया है कि किसी भी मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से तत्काल डिलीट नहीं किया जाएगा। वेरिफिकेशन और चुनाव अधिकारी की ओर से नोटिस के बाद ही नाम हटाया जासकता है। एसआईआर के दौरान परिवार का कोई भी सदस्य अनुपस्थित सदस्यों की गणना फॉर्म भर सकता है। शर्त यह रखी गई है कि उनके पास मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज हों
फॉर्म पर करना होगा हस्ताक्षरगणना फॉर्म पर परिवार के किसी अन्य सदस्य की ओर से इसे भरने के बाद हस्ताक्षर भी करना होगे, ताकि इसका प्रमाण रह सके। फॉर्म भरने के बाद संबंधित बीएलओ इसे ले लेंगे। घर-घर जाकर गणना की यह महीने भर भर चलने वाली प्रक्रिया 4 दिसंबर तक जारी रहेगी। 9 दिसंबर को मसौदा नामावली प्रकाशित की जाएगी।
ऑनलाइन भी भर सकेंगे फॉर्ममतदाता ऑनलाइन भी गणना फॉर्म भर सकते हैं। अगर वाटर या उनके परिवार का कोई सदस्य बीएलओ से मिलने के लिए घर पर नहीं है तो इस प्रकार की सुविधा का लाभ उठाया जा सकता है। यह आयोग की वेबसाइट पर मिलेगा। एसआईआर देश के वैध मतदाता के रूप में पात्रता का पता लगाने के लिए आयोजित की जा रही है। चुनाव आयोग को किसी देशवासी की नागरिकता निर्धारित करने का अधिकार नहीं है। इसे स्पष्ट किया गया है।
क्या है चुनौतियां?एसआईआर के तहत दस्तावेजों के अभाव का मामला सामने आ रहा है। कई ग्रामीण और गरीब वोटरों के पास नागरिकता या निवास के मान्य दस्तावेज नहीं हो सकते हैं, जिससे उनका नाम सूची से हटाने का जोखिम बढ़ेगा। कुछ राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया को अवैध विदेशी प्रवासियों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने के प्रयासों ने विवाद खड़ा किया है। वोटरों से आधार (केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता का नहीं) या अन्य नागरिकता प्रमाण दस्तावेजों की मांग को लेकर विरोध हुआ है।
बीएलओ पहुंचे, हाथ खालीराजधानी के ज्यादातर बीएलओ सुबह तय समय पर बूथों पर पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें गणना प्रपत्र की किट नहीं दी गई। मोहनलालगंज, निगोहां, काकोरी, रहीमाबाद, लखनऊ पूर्व और कैंट क्षेत्र के कई इलाकों में बीएलओ पूरे दिन इंतज़ार करते रहे। दोपहर तक केवल 30 से 35 फीसदी बीएलओ को ही प्रपत्र सौंपे जा सके।
कई अधिकारियों का कहना है कि प्रशिक्षण एक दिन पहले ही पूरा हुआ। निर्वाचन आयोग की ओर से कागजी प्रपत्र देर शाम या अगले दिन तक उपलब्ध कराने की बात कही गई थी। ऐसे में घर-घर जाकर गणना कार्य की शुरुआत अब बुधवार से ही संभव हो सकी।
विपक्ष ने उठाए सवालपहले दिन की अफरातफरी पर विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर दिए हैं। समाजवादी पार्टी के जिला महासचिव गौरव सिंह यादव ने कहा कि राजनीतिक दलों को पहले से नहीं बताया गया कि बीएलओ कब और कहां जाएंगे। जब बैठक में स्पष्ट कहा गया था कि दलों के बूथ एजेंट भी बीएलओ के साथ जाएंगे, तो फिर बिना सूचना अभियान कैसे शुरू हो गया?
सपा नेता ने आरोप लगाया कि निर्वाचन अधिकारियों से सम्पर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन अधिकांश अधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाया।
कांग्रेस के पार्षद और पूर्व शहर अध्यक्ष मुकेश सिंह चौहान ने भी कहा कि हमारे वार्ड प्रभारियों से शाम तक संपर्क हुआ, लेकिन एक भी जगह बीएलओ के पहुंचने की पुष्टि नहीं मिली।
डीएम ने किया निरीक्षणहालांकि, सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र में गणना प्रपत्र वितरण की शुरुआत हो गई। डीएम विशाख जी स्वयं मौके पर पहुंचीं और बूथ संख्या 19, 20 और 100 का निरीक्षण किया। वहां बीएलओ राजेश चंद्र राव, सरला और गंगाराम मौजूद मिले। डीएम ने सभी से विस्तृत जानकारी ली और निर्देश दिया कि हर मतदाता तक प्रपत्र समय पर पहुंचना चाहिए। चार दिसंबर से पहले सभी प्रपत्र भरवाकर इकट्ठा कर लिए जाएं। निरीक्षण के दौरान अपर नगर मजिस्ट्रेट सचिन वर्मा समेत अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे।
डीएम विशाख जी ने इस दौरान मतदाताओं से भी बातचीत की और उनकी प्रतिक्रिया ली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि निर्वाचन संबंधी कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभियान को पारदर्शिता, गुणवत्ता और समयबद्धता के साथ पूरा किया जाए।
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