पटना: राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) के नेता और एनडीए सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को बिहार में ईसीआई द्वारा किए जा रहे एसआईआर अभ्यास पर चिंता जताई। कुशवाहा ने कहा कि ईसीआई को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मतदाता सूची में कोई भी वास्तविक मतदाता छूट न जाए। उन्होंने मतदाता सूची के पुनरीक्षण में समय की कमी पर भी सवाल उठाए। कुशवाहा ने प्रवासी मतदाताओं के मतदाता सूची से बाहर होने की आशंका व्यक्त की और कहा कि कई लोगों के पास ईसीआई द्वारा उल्लिखित दस्तावेज नहीं हैं, जिससे उनमें घबराहट है।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठा दिए सवाल
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में चलाए जा रहे विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम नहीं काटा जाना चाहिए। कुशवाहा ने एक इंटरव्यू में कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण कोई नई बात नहीं है और यह पहले भी होता रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को जनसंख्या को देखते हुए यह अभ्यास एक या दो साल पहले शुरू कर देना चाहिए था।
कुशवाहा को इस बात का डर
कुशवाहा ने कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां बहुत से लोग देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं लेकिन वे बिहार के मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मतदाताओं में यह डर है कि उन्हें मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। कुशवाहा ने कहा कि राज्य में रहने वाले लोगों के एक बड़े वर्ग में भी यही डर है। उन्होंने कहा कि बिहार में कई ऐसे लोग हैं जिनके पास ईसीआई द्वारा बताए गए दस्तावेज नहीं हैं।
विपक्षी पार्टियां भी फ्रंट फुट पर
कुशवाहा ने कहा कि अब ऐसे लोगों में दहशत है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। आरएलएम नेता ने कहा कि ईसीआई को इन आशंकाओं को दूर करना चाहिए।
कुशवाहा-नीत आरएलएम पहला एनडीए सदस्य है जिसने इस अभ्यास पर सवाल उठाए हैं। बिहार में विपक्षी दलों ने ईसीआई के साथ अपनी बैठक में इस अभ्यास पर अपनी आपत्तियां जताई हैं।
लोगों के बीच जाकर जागरुक करेंगे- कुशवाहा
आरएलएम नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और लोगों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि वे निर्वाचन आयोग से भी इस मामले में बात करेंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल, आदि। यदि किसी व्यक्ति के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं है, तो वह ग्राम पंचायत या वार्ड पार्षद से एक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह मतदाता सूची को त्रुटि रहित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराएं और यदि कोई त्रुटि है तो उसे ठीक कराएं।
उपेंद्र कुशवाहा ने भी उठा दिए सवाल
राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में चलाए जा रहे विशेष पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसआईआर) पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची से किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम नहीं काटा जाना चाहिए। कुशवाहा ने एक इंटरव्यू में कहा कि मतदाता सूची का पुनरीक्षण कोई नई बात नहीं है और यह पहले भी होता रहा है। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को जनसंख्या को देखते हुए यह अभ्यास एक या दो साल पहले शुरू कर देना चाहिए था।
कुशवाहा को इस बात का डर
कुशवाहा ने कहा कि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां बहुत से लोग देश के विभिन्न हिस्सों में काम कर रहे हैं लेकिन वे बिहार के मतदाता हैं। उन्होंने कहा कि प्रवासी मतदाताओं में यह डर है कि उन्हें मतदाता सूची से बाहर कर दिया जाएगा। कुशवाहा ने कहा कि राज्य में रहने वाले लोगों के एक बड़े वर्ग में भी यही डर है। उन्होंने कहा कि बिहार में कई ऐसे लोग हैं जिनके पास ईसीआई द्वारा बताए गए दस्तावेज नहीं हैं।
विपक्षी पार्टियां भी फ्रंट फुट पर
कुशवाहा ने कहा कि अब ऐसे लोगों में दहशत है कि उनका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाएगा। आरएलएम नेता ने कहा कि ईसीआई को इन आशंकाओं को दूर करना चाहिए।
कुशवाहा-नीत आरएलएम पहला एनडीए सदस्य है जिसने इस अभ्यास पर सवाल उठाए हैं। बिहार में विपक्षी दलों ने ईसीआई के साथ अपनी बैठक में इस अभ्यास पर अपनी आपत्तियां जताई हैं।
लोगों के बीच जाकर जागरुक करेंगे- कुशवाहा
आरएलएम नेता ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाएगी और लोगों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि वे निर्वाचन आयोग से भी इस मामले में बात करेंगे। यह ध्यान देने योग्य है कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे कि आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल, पानी बिल, आदि। यदि किसी व्यक्ति के पास इनमें से कोई भी दस्तावेज नहीं है, तो वह ग्राम पंचायत या वार्ड पार्षद से एक प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकता है। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह मतदाता सूची को त्रुटि रहित बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है। आयोग ने लोगों से अपील की है कि वे मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराएं और यदि कोई त्रुटि है तो उसे ठीक कराएं।