UK Visa Changes: ब्रिटेन में नौकरी करने के लिए भारतीयों के बीच स्किल वर्कर वीजा काफी पॉपुलर है। ब्रिटिश सरकार 22 जुलाई 2025 से इस वीजा को लेकर नए नियम पेश कर रही है। इसके बाद सैलरी लिमिट, स्किल लेवल एलिजिबिलिटी, वीजा प्रोसेसिंग को लेकर काफी कुछ बदल जाएगा। ये बदलाव इसलिए किए जा रहे हैं, ताकि विदेशी वर्कर्स पर से निर्भरता कम हो सके। विदेशी वर्कर्स की संख्या कम की जा सके। साथ ही साथ इमिग्रेशन सिस्टम पहले के मुकाबले ज्यादा डिजिटल हो पाए।
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स्किल वर्कर वीजा में होने वाले बदलाव भारतीयों को लेकर अहम हैं, जो इस वीजा को पाने वालों में सबसे आगे रहते हैं। आईटी, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स को नए नियमों के बारे में मालूम होना चाहिए। उन्हें वीजा की नई शर्तों के बारे में पूरी जानकारी रखनी होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि मौजूदा वीजा सिस्टम के तहत वीजा के लिए अप्लाई या रिन्यू करवाने वालों को भी नियमों से अवगत रहना होगा। आइए वीजा में हो रहे बदलावों के बारे में जानते हैं।
स्किल वर्कर वीजा में हो रहे 4 बड़े बदलाव
मौजूदा स्किल वर्कर वीजा नियमों के तहत अप्लाई करने की आखिरी तारीख 21 जुलाई, 2025 है। उसके बाद सभी आवेदनों का मूल्यांकन अपडेटेड सैलरी और स्किल क्राइटीरिया का इस्तेमाल करके किया जाएगा। आवेदकों और स्पांसर करने वाली कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया का फायदा उठाने के लिए डेडलाइन से पहले सर्टिफिकेट ऑफ स्पॉन्सरशिप (CoS) हासिल करें और वीजा आवेदन जमा करें।
कंपनियों को भी अपनी भर्ती रणनीतियों को भी बदलना होगा। मीडियम-स्किल जॉब, जिनमें कुछ आईटी सपोर्ट और हेल्थ तकनीशियन भूमिकाएं शामिल हैं, अब नए RQF लेवल 6 के तहत स्पांसरशिप के लिए योग्य नहीं हो सकती हैं। ऐसे में अगर आपको ब्रिटेन से जॉब ऑफर मिल रहा है, तो इस बात का ख्याल रखना होगा कि आपकी जॉब नए नियमों के तहत योग्य है या नहीं, ताकि आगे चलकर किसी तरह की कोई परेशानी ना आए।
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स्किल वर्कर वीजा में होने वाले बदलाव भारतीयों को लेकर अहम हैं, जो इस वीजा को पाने वालों में सबसे आगे रहते हैं। आईटी, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर सेक्टर में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल्स को नए नियमों के बारे में मालूम होना चाहिए। उन्हें वीजा की नई शर्तों के बारे में पूरी जानकारी रखनी होगी। सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि मौजूदा वीजा सिस्टम के तहत वीजा के लिए अप्लाई या रिन्यू करवाने वालों को भी नियमों से अवगत रहना होगा। आइए वीजा में हो रहे बदलावों के बारे में जानते हैं।
स्किल वर्कर वीजा में हो रहे 4 बड़े बदलाव
- स्किल लेवल का बढ़ना: स्किल वर्कर वीजा में हो रहा सबसे बड़ा बदलाव स्किल लेवल में होगा। 22 जुलाई से RQF लेवल 6 के पदों (जो ब्रिटेन में बैचलर्स डिग्री के बराबर है) के लिए ही स्किल वर्कर वीजा दिया जाएगा। नए बदलाव की वजह से स्किल वर्कर वीजा के लिए 180 से ज्यादा पद अब अयोग्य हो जाएंगे।
- सैलरी की लिमिट: स्किल वर्कर वीजा के लिए सैलरी की लिमिट भी बढ़ गई है। अब सिर्फ उन्हें ही ये वीजा मिलेगा, जिन्हें कोई ब्रिटिश कंपनी कम से कम 41,700 पाउंड सालाना की सैलरी दे रही है। PhD की जरूरत वाली जॉब्स के लिए 37,500 पाउंड और STEM PhD जॉब्स के लिए 33,400 पाउंड सालाना सैलरी होनी चाहिए।
- PR मिलने का समय: 22 जुलाई से स्किल वर्कर वीजा होल्डर्स के लिए 'इंडेफिनेट लीव टू रिमेन' (ILR) की अवधि 5 साल से बढ़कर 10 साल हो जाएगी। इसका मतलब है कि पहले 10 साल देश में रहना होगा, जिसके बाद आपको परमानेंट रेजिडेंसी मिल पाएगी। आवेदकों को इस दौरान सैलरी वाली लिमिट भी पूरी करनी होगी।
- डिजिटल वीजा: 15 जुलाई से सभी वीजा ई-वीजा के रूप में जारी होंगे। ये डिजिटल रिकॉर्ड हैं, जो आवेदक के पासपोर्ट से जुड़े होते हैं और पारंपरिक वीजा स्टिकर की जगह लेते हैं। वीजा होल्डर्स को अपना इमिग्रेशन स्टेटस बनाए रखने के लिए UKVI सिस्टम में अपने व्यक्तिगत और पासपोर्ट डिटेल्स अपडेट करने होंगे।
मौजूदा स्किल वर्कर वीजा नियमों के तहत अप्लाई करने की आखिरी तारीख 21 जुलाई, 2025 है। उसके बाद सभी आवेदनों का मूल्यांकन अपडेटेड सैलरी और स्किल क्राइटीरिया का इस्तेमाल करके किया जाएगा। आवेदकों और स्पांसर करने वाली कंपनियों को सलाह दी जाती है कि वे मौजूदा एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया का फायदा उठाने के लिए डेडलाइन से पहले सर्टिफिकेट ऑफ स्पॉन्सरशिप (CoS) हासिल करें और वीजा आवेदन जमा करें।
कंपनियों को भी अपनी भर्ती रणनीतियों को भी बदलना होगा। मीडियम-स्किल जॉब, जिनमें कुछ आईटी सपोर्ट और हेल्थ तकनीशियन भूमिकाएं शामिल हैं, अब नए RQF लेवल 6 के तहत स्पांसरशिप के लिए योग्य नहीं हो सकती हैं। ऐसे में अगर आपको ब्रिटेन से जॉब ऑफर मिल रहा है, तो इस बात का ख्याल रखना होगा कि आपकी जॉब नए नियमों के तहत योग्य है या नहीं, ताकि आगे चलकर किसी तरह की कोई परेशानी ना आए।
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