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अब सीपीआई भी हुई जेपीसी से बाहर... कांग्रेस पर दबाव बढ़ा, 130वें संविधान संशोधन बिल को लेकर नहीं थम रहा घमासान

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नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा जेल में बंद मंत्रियों को हटाने के लिए लाए जा रहे बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) बनाने का प्रस्ताव है। इस पर विपक्षी दलों में मतभेद दिख रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने कहा है कि जेपीसी सिर्फ दिखावा है और इसका कोई फायदा नहीं है। तृणमूल कांग्रेस (TMC), समाजवादी पार्टी, शिवसेना UBT और AAP पहले ही JPC में शामिल न होने का फैसला कर चुकी हैं।



कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है

सीपीआई के इस रुख से कांग्रेस पर भी दबाव बढ़ गया है कि वह भी JPC का बहिष्कार करे। INDIA गठबंधन में फूट की आशंका जताई जा रही है, लेकिन यह फूट बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगी। क्योंकि सभी दल सरकार के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं। कुछ सांसद चाहते हैं कि JPC में शामिल होकर कुछ जरूरी मुद्दों को रिकॉर्ड में लाया जाए।



जेपीसी सिर्फ दिखावा हैःसीपीआईसीपीआई सांसद संतोष कुमार का कहना है कि जेपीसी सिर्फ दिखावा है। उन्होंने वाक्फ बिल पर बनी JPC का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पहले जेपीसी के सदस्य दस्तावेज मांग सकते थे, उनकी जांच कर सकते थे और सुझाव दे सकते थे। लेकिन अब विपक्ष के सुझावों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया जाता है। उनका कहना था कि वाक्फ बिल पर बनी JPC का कोई मतलब नहीं रहा। उन्होंने TOI को बताया, 'एक समय था जब जेपीसी के सदस्य समन कर सकते थे, विवरणों की जांच कर सकते थे और फिर योगदान कर सकते थे। अब, विपक्ष के सुझावों को सिरे से खारिज कर दिया जाता है। वक्फ बिल पर जेपीसी इसका एक उदाहरण है। इसका कोई मूल्य नहीं है।'



CPI की राय को अहम

लेफ्ट पार्टियों के पास संसद में ज्यादा ताकत नहीं है। वे सरकार की सदइच्छा पर निर्भर रहती हैं कि उन्हें संसदीय समितियों में जगह मिले। लेकिन CPI की राय को अहम माना जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे अन्य छोटी लेफ्ट पार्टियों का प्रतिनिधि माना जाता है।



जेपीसी में शामिल नहीं होने का किसने किया ऐलानबहरहाल, INDIA गठबंधन के कुछ बड़े दलों जैसे TMC, समाजवादी पार्टी, शिवसेना UBT और AAP ने पहले ही JPC में शामिल न होने का ऐलान कर दिया है। इसके बाद कांग्रेस पर दबाव बढ़ गया है। कांग्रेस को लग रहा है कि एकता बनाए रखने के लिए उसे TMC-SP-शिवसेना की राह पर चलना पड़ सकता है। लेकिन इससे भविष्य में दिक्कतें आ सकती हैं। खासकर जब ये तीनों बिल संसद में चर्चा के लिए आएंगे।



बीजेपी के लिए भी रास्ता आसान नहींINDIA गठबंधन के कई अहम दल जैसे DMK, NCP (SP) और CPM ने अभी तक कुछ नहीं कहा है। वे कांग्रेस के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। एक लेफ्ट पार्टी के सांसद ने कहा कि कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर अकेले नहीं दिखना चाहेगी। इसे गठबंधन की एकता की परीक्षा के तौर पर देखा जाएगा। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि विपक्ष JPC का पूरी तरह से बहिष्कार कर सकता है। यह बीजेपी विरोधी खेमे में एक बड़ी फूट है। लेकिन यह फूट बीजेपी के लिए फायदेमंद नहीं होगी, क्योंकि सभी दल सरकार के खिलाफ खड़े दिख रहे हैं।

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