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बुझ गया घर का चिराग, डाक कांवड़ लेने जा रहे शिव भक्त को वाहन ने मारी टक्कर, हादसे में हुई मौत

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भोला पांडे, फरीदाबाद: दोस्तों के साथ डाक कांवड़ लेने जा रहे एक किशोर की बाइक में मेरठ हाइवे पर शनिवार रात करीब 2 बजे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। हादसे के बाद बेकाबू बाइक डिवाइडर में जा टकराई। इससे दो घायल हो गए। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अन्य साथियों ने उसे मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से जवाब मिलने पर दोस्त गंभीर हालत में दोनों को दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान किशोर की मौत हो गई। वहीं 16 वर्षीय अमन पांडेय की हालत गंभीर है। उसके दोनों हाथ और पैर टूट गए हैं।



घर का इकलौता सहारा था किशोर


मृतक की पहचान पल्ला क्षेत्र के सूर्या विहार पार्ट वन, संजय कॉलोनी निवासी गुलशन नारायण सिंह(17) के रूप में हुई है। मृतक अपने परिवार का इकलौता सहारा था। वह तीन बहनों में अकेला था। गुलशन के पिता की बीमारी के कारण करीब चार साल पहले ही मौत हो चुकी है। घटना के बाद से पूरी कॉलोनी में मातम है। वहीं टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं चल पाया है।



दोस्तों के साथ निकला था कांवड़ लेने

मृतक के चाचा सत्य नारायण सिंह एवं कॉलोनी निवासी रंजन गिरि ने बताया कि गुलशन नारायण सिंह शुक्रवार की रात करीब नौ बजे अपने दोस्त अमन पांडेय, दौलत (14), रौनक (22) और शिवम पांडेय (18) के साथ तीन बाइक से निकले थे। दो बाइक पर दो दो लोग और एक बाइक पर एक दोस्त अकेले जा रहे थे। गुलशन की बाइक पर अमन पांडेय थे।



करीब दो बजे हुई घटना

घरवालों ने बताया कि पांच दोस्त रात करीब दो बजे मेरठ पहुंच गए थे। सबसे आगे गुलशन अपने साथी अमन के साथ जा रहा था। मेरठ-बिजनौर स्टेट हाईवे पर किसी अज्ञात वाहन ने गुलशन की बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। पीछे से आ रहे अन्य दोस्तों ने जब उन्हें घायल अवस्था में देखा तो पुलिस और एंबुलेंस को फोन किया। साथियों ने दोनों को गंभीर हालत में उठाकर पहले मेरठ के नजदीक अस्पताल में लेकर पहुंचे लेकिन वहां डॉक्टरों ने जवाब दे दे दिया। इसके बाद उसे दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया जहां गुलशन की मौत हो गई। इसका साथी अमन के हाथ पैर टूटे गए हैं।



घर का इकलौता था सहारा

मृतक के चाचा सत्य नारायण सिंह ने बताया कि वह मूलरूप से बिहार के मुंगेर जिला के गांव कौशलपुर के रहने वाले हैं। करीब 26 से 27 साल पहले उनका भाई फरीदाबाद आकर नौकरी करने लगे थे। अब परिवार संजय कॉलोनी सूर्या विहार पार्ट वन में अपना मकान बनाकर रहता है। गुलशन तीन बहनों में अकेला भाई था। पिता संतोष नारायण सिंह की करीब चार साल पहले बीमारी के कारण मौत हो गई थी। कॉलोनी निवासी रंजन गिरी ने बताया कि गुलशन इस परिवार का इकलौता सहारा था।



बड़ी बहन मूक बधिर

कॉलोनीवासियों की मानें तो मृतक गुलशन की तीन बहने हैं। इनमें सबसे बड़ी ज्योति 24, दूसरे नंबर पर 20 साल की सपना और सबसे छोटी 14 साल की प्रिया है। गुलशन बहनों में तीसरे नंबर का था। शनिवार दोपहर उसका अंतिम संस्कार किया गया। छोटी बहन प्रिया ने अपने बड़े भाई का मुखाग्नि दी। मेरठ के ट्रैफिक इंस्पेक्टर विजय कुमार साही ने बताया कि रात में करीब तीन बजे एक्सिडेंट की सूचना मिली थी। लेकिन जिस रूट पर ये हादसा हुआ है वह कांवड़ रूट नहीं है। ये बच्चे कैसे बिजनौर हाईवे पर पहुंच गए ये पता नहीं। फिलहाल टक्कर मारने वाले वाहन का पता नहीं चल पाया है।











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