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ऑस्टियोपोरोसिस से बचना है तो अपनाएं ये 5 देसी उपाय

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ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) एक गंभीर और अक्सर नजरअंदाज की जाने वाली बीमारी है, जिसमें हड्डियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि मामूली चोट भी फ्रैक्चर का कारण बन जाती है। आमतौर पर यह रोग उम्र बढ़ने पर होता है, खासकर महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद, लेकिन पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं।

क्या है ऑस्टियोपोरोसिस?
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियों का घनत्व (Bone Density) घटने लगता है, जिससे हड्डियां पतली, नाजुक और छिद्रों से भर जाती हैं। यह चुपचाप विकसित होता है और जब तक फ्रैक्चर न हो जाए, तब तक कोई लक्षण स्पष्ट नहीं होते।

इसके लक्षण क्या हैं?
पीठ में लगातार दर्द या झुकाव आना

रीढ़ की हड्डियों में संकुचन (height कम होना)

कमर, कूल्हे या कलाई में बार-बार फ्रैक्चर होना

चलने-फिरने में कमजोरी और असंतुलन

हल्की चोट में भी हड्डी टूट जाना

क्यों होता है ऑस्टियोपोरोसिस?
कैल्शियम और विटामिन D की कमी

बढ़ती उम्र (50 वर्ष से अधिक)

हार्मोनल असंतुलन (मेनोपॉज़ के बाद एस्ट्रोजन की कमी)

धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन

लंबे समय तक स्टेरॉइड दवाओं का सेवन

निष्क्रिय जीवनशैली और व्यायाम की कमी

इलाज और हड्डियों में “जान” भरने के उपाय
आहार सुधारें:

कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ (दूध, दही, पनीर, बादाम, तिल)

विटामिन D (सूरज की रोशनी, अंडे की जर्दी, मशरूम)

दवाएं:

डॉक्टर द्वारा बताई गई कैल्शियम व विटामिन D की गोलियां

बिसफॉस्फोनेट्स जैसी दवाएं जो हड्डियों की क्षति को रोकती हैं

योग व एक्सरसाइज:

रोजाना वॉक करें, हल्की स्ट्रेचिंग और योग जैसे वज्रासन, ताड़ासन

वजन उठाने वाले व्यायाम (Weight-bearing exercises) हड्डियों को मजबूत बनाते हैं

नियमित जांच:

बोन डेंसिटी टेस्ट (DEXA Scan) समय-समय पर कराते रहें

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