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दुनिया की खबरें: अमेरिका-ईरान के अधिकारी अगले हफ्ते करेंगे वार्ता और अभिनंदन को पकड़ने वाला पाक सेना अधिकारी मारा गया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका और ईरान के अधिकारी अगले सप्ताह बातचीत करेंगे, जिससे इजराइल और तेहरान के बीच हालिया संघर्ष के कारण बाधित हुई वार्ता बहाल होगी।

नीदरलैंड में नाटो शिखर सम्मेलन के दौरान प्रेस वार्ता में ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं आपको बता दूं कि हम अगले सप्ताह ईरान के साथ बातचीत करने जा रहे हैं। हम किसी समझौते पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं।’’

ट्रंप ने कहा कि उन्हें ईरान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिकी हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नष्ट कर दिया है।

ईरान और इजराइल के बीच नाजुक युद्धविराम से दीर्घकालिक शांति की उम्मीद जगी

इजराइल और ईरान के बीच नाजुक युद्धविराम मुश्किलों भरी शुरुआत के बाद बुधवार को कायम होता दिखायी दिया, जिससे यह उम्मीद जगी है कि एक दीर्घकालिक शांति समझौता हो सकता है। हालांकि तेहरान ने इस बात पर जोर दिया है कि वह अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं छोड़ेगा।

इजराइल और ईरान के बीच युद्ध के 12वें दिन मंगलवार को युद्धविराम लागू हो गया। हालांकि दोनों पक्षों ने शुरू में एक दूसरे पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाया, लेकिन अंततः मिसाइल, ड्रोन और बम के हमले बंद हो गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को नीदरलैंड में नाटो के एक शिखर सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा कि यह (युद्धविराम) "बहुत अच्छी तरह से" जारी है।

युद्धविराम कराने में मदद करने वाले ट्रंप ने कहा, ‘‘वे बम नहीं बनाएंगे और वे संवर्धन नहीं करेंगे।’’

हालांकि, ईरान ने इस बात पर जोर दिया है कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम को नहीं छोड़ेगा। वहीं ईरानी संसद ने एक मतदान में एक प्रस्ताव को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति जतायी, जो वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र संगठन अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईएए) के साथ देश के सहयोग को प्रभावी रूप से रोक देगा। आईएईए ईरान के परमाणु कार्यक्रम की वर्षों से निगरानी कर रहा है।

मतदान से पहले, ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ ने आईएईए की इसके लिए आलोचना की कि उसने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर रविवार को किए गए हमले की ‘‘निंदा भी नहीं की।’’

कलीबाफ ने सांसदों से कहा, ‘‘इस कारण से, ईरान का परमाणु ऊर्जा संगठन आईएईए के साथ सहयोग को तब तक निलंबित रखेगा जब तक कि परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो जाती और ईरान का शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम तेज गति से आगे बढ़ेगा।’’

वियना में, आईएईए महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि उन्होंने ईरान को उसके परमाणु प्रतिष्ठानों का निरीक्षण फिर से शुरू करने पर चर्चा करने के लिए पहले ही पत्र लिख दिया है।

अन्य बातों के अलावा, ईरान का दावा है कि उसने अमेरिकी हमलों से पहले अपने अत्यधिक संवर्धित यूरेनियम को स्थानांतरित कर दिया था और ग्रॉसी ने कहा कि उनके निरीक्षकों को देश के भंडार का फिर से आकलन करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, "हमें वापस लौटना होगा। हमें चर्चा करनी होगी।’’

अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए हमले किये थे। इस हमले के बारे में ट्रंप ने कहा है कि इससे ईरान का परमाणु कार्यक्रम "पूरी तरह से नष्ट हो गया।’’

तेहरान से ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने पुष्टि की कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों द्वारा बंकर-बस्टर बमों का उपयोग करके किए गए हमलों में काफी नुकसान हुआ है।

उन्होंने बुधवार को अल जजीरा से कहा, "हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है, यह निश्चित है।" हालांकि उन्होंने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।

उन्होंने संभवत: यह संकेत दिया कि ईरान शायद अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के निरीक्षकों को स्थायी रूप से बाहर नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि संसद के समक्ष जो विधेयक पेश किया गया है, वह एजेंसी के साथ काम को स्थायी रूप से समाप्त करने की नहीं, बल्कि सिर्फ उसे निलंबित करने की बात करता है।

साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ईरान को परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का अधिकार है। उन्होंने कहा, ‘‘ईरान किसी भी परिस्थिति में उस अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।’’

पश्चिम एशिया के लिए ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने मंगलवार देर रात फॉक्स न्यूज पर कहा कि इजराइल और अमेरिका ने अब ईरान में "संवर्धन क्षमता के पूर्ण विनाश" के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर लिया है और वार्ता के लिए ईरान की शर्त - कि इजराइल अपना अभियान समाप्त करे - भी पूरी हो गई है।

नाटो शिखर सम्मेलन में, जब उनसे अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के बारे में पूछा गया, जिसमें पाया गया कि ईरान के परमाणु कार्यक्रम को केवल कुछ महीने पीछे धकेल दिया गया है, तो ट्रंप ने उपहास किया और कहा कि इसे फिर से खड़ा करने में "वर्षों" लगेंगे।

इजराइली सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने बुधवार को कहा कि उनके देश का आकलन यह भी है कि ईरान की परमाणु सुविधाओं को "काफी नुकसान पहुंचाया गया है" और हमले से इसका परमाणु कार्यक्रम "कई साल पीछे चला गया है।"

ग्रॉसी ने कहा कि वे नुकसान की गंभीरता पर कोई अटकलें नहीं लगा सकते।

उन्होंने कहा, ‘‘तकनीकी ज्ञान मौजूद है और औद्योगिक क्षमता भी है। इसे कोई नकार नहीं सकता, इसलिए हमें उनके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।’’

विटकॉफ ने ‘फॉक्स न्यूज’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप अब "एक व्यापक शांति समझौते पर पहुंचना चाहते हैं जो संघर्षविराम से भी आगे तक जाए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से ही एक दूसरे से बात कर रहे हैं, न केवल सीधे, बल्कि मध्यस्थों के माध्यम से भी।’’ उन्होंने कहा कि बातचीत आशाजनक रही है और ‘‘हम उम्मीद करते हैं कि हम दीर्घकालिक शांति समझौता कर सकते हैं।"

हालांकि, ईरानी प्रवक्ता बाघेई ने कहा कि वाशिंगटन ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अपने हमलों से "कूटनीति को नष्ट कर दिया है" जबकि ईरान सैद्धांतिक रूप से हमेशा बातचीत के लिए तैयार था, देश की राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकता थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि जब अन्य पक्ष कूटनीति के बारे में बात कर रहे हैं तो क्या वे वास्तव में गंभीर हैं या फिर यह क्षेत्र और मेरे देश के लिए और अधिक समस्याएं पैदा करने की उनकी रणनीति का हिस्सा है।"

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और ईरान के करीबी सहयोगी चीन ने भी बुधवार को अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि "पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक स्थायी और प्रभावी संघर्षविराम हो सकता है।’’

ईरानी तेल का चीन एक प्रमुख खरीदार है और उसने ईरानी सरकार का लंबे समय से राजनीतिक समर्थन किया है और नवीनतम संघर्ष शुरू करने और क्षेत्र को अस्थिर करने के लिए इजराइल को दोषी ठहराया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने बीजिंग में संवाददाताओं से कहा कि संघर्ष के मद्देनजर, चीन "पश्चिम एशिया में शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए सकारात्मक कारकों को शामिल करने के लिए तैयार है।"

ग्रॉसी ने कहा कि ईरान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दीर्घकालिक कूटनीतिक समाधान के लिए युद्धविराम के अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

इजराइल के साथ युद्ध के दौरान, ईरान ने इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में कई कैदियों को फांसी दी, जिससे सामाजिक कार्यकर्ताओं में यह डर पैदा हो गया कि संघर्ष समाप्त होने के बाद कई और फांसी हो सकती है।

इसने बुधवार को जासूसी के आरोप में तीन और कैदियों को फांसी दी, जिससे 16 जून से जासूसी के लिए दी गई फांसी की कुल संख्या छह हो गई।

भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन को पकड़ने वाला पाक सेना का अधिकारी तालिबान के हमले में मारा गया

पाकिस्तानी सेना के विशेष सेवा समूह का एक अधिकारी तालिबानी उग्रवादियों के साथ झड़प में मारा गया, जिसने 2019 में विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान को पकड़ने का दावा किया था।

सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के बयान के अनुसार, 37 वर्षीय मेजर सैयद मुईज अब्बास शाह मंगलवार को अफगानिस्तान की सीमा के पास दक्षिण वजीरिस्तान के सरारोगा इलाके में तालिबानी उग्रवादियों के साथ झड़प में मारे गए।

बयान में कहा गया कि 27 वर्षीय लांस नायक जिब्रानउल्ला की भी इस हमले में मौत हो गई।

इसमें कहा गया कि सेना के जवानों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के 11 आतंकवादियों को मार गिराया और सात अन्य घायल हो गए।

मुईज के जनाजे की नमाज रावलपिंडी के चकलाला गैरीसन में पढ़ी गई और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर भी इसमें शामिल हुए।

स्थानीय मीडिया की खबरों में इस बात का जिक्र किया गया कि मुईज वही अधिकारी थे जिन्होंने अभिनंदन को पकड़ा था और उन्हें भीड़ हिंसा से बचाया था।

‘जियो टीवी’ के साथ मुईज के साक्षात्कार की एक पुरानी क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें तब कैप्टन रहे मुईज को अभिनंदन को पकड़ने का विवरण देते हुए देखा जा सकता है।

पाकिस्तान में आतंकी हमलों की साजिश रचने के मामले में छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया

पाकिस्तान की पंजाब पुलिस ने बुधवार को प्रांत में आतंकी हमलों की साजिश रचने के आरोप में छह संदिग्धों को गिरफ्तार करने का दावा किया।

पंजाब पुलिस के काउंटर टेररिज्म विभाग (सीटीडी) ने बयान जारी कर कहा कि इन आरोपियों को यहां से करीब 200 किमी दूर टोबा टेक सिंह जिले से गिरफ्तार किया गया।

बयान में कहा गया है कि आरोपियों के पास से रणनीतिक स्थानों के नक्शे, डेटोनेटर और उच्च श्रेणी के विस्फोटकों सहित संवेदनशील सामग्री बरामद की गई है।

इसमें का गया है, ‘‘संदिग्ध एक मस्जिद और स्थानीय रेलवे स्टेशन पर सक्रिय रूप से हमलों की साजिश रच रहे थे। अगर वह इसमें सफल हो गये होते तो इसके विनाशकारी परिणाम होते।’’

बयान में सीटीडी ने संदिग्धों के भारतीय खुफिया एजेंसियों के लिए कार्य करने का दावा किया है, हालांकि अपने दावे के संबंध उसने कोई साक्ष्य नहीं दिया है।

सीटीडी ने कहा कि गिरफ्तार संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अगले महीने ब्राजील में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। मीडिया में प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी सामने आई है।

खबर के मुताबिक यदि ऐसा होता है तो 12 वर्ष पहले पदभार संभालने के बाद से पहली बार होगा जब चिनफिंग उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह की बैठक में शामिल नहीं होंगे।

हांगकांग के दैनिक समाचार पत्र 'साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट' ने बुधवार को कई सूत्रों के हवाले से खबर दी कि चिनफिंग रियो द जेनेरियो में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे।

इसके बजाय, चीनी प्रधानमंत्री और शी चिनफिंग के विश्वासपात्र ली कियांग 6-7 जुलाई को होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।

ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। इस समूह का विस्तार पांच अतिरिक्त सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और यूएई के साथ किया गया है।

पिछले वर्ष रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन इसलिए महत्वपूर्ण माना गया था क्योंकि मोदी और चिनफिंग दोनों ने वहां मुलाकात की थी। पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच चार साल तक चले सैन्य गतिरोध के बाद मोदी और चिनफिंग के बीच यह पहली मुलाकात थी।

यदि शी चिनफिंग रियो द जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो शी-मोदी मुलाकात का अगला अवसर चीन में आयोजित होने वाला एससीओ शिखर सम्मेलन हो सकता है।

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) का मौजूदा अध्यक्ष चीन अगले कुछ महीनों में इसका शिखर सम्मेलन आयोजित करने की योजना बना रहा है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद नाटो नेता रक्षा खर्च में भारी वृद्धि पर सहमत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दबाव के बाद नाटो नेताओं ने बुधवार को रक्षा खर्च में भारी वृद्धि पर सहमति व्यक्त की तथा हमला होने पर एक-दूसरे की सहायता करने की अपनी ‘‘दृढ़ प्रतिबद्धता’’ दोहराई।

शिखर सम्मेलन के एक वक्तव्य में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल 32 नेताओं ने कहा, ‘‘सहयोगी देश अपने व्यक्तिगत और सामूहिक दायित्वों को सुनिश्चित करने के लिए 2035 तक मुख्य रक्षा आवश्यकताओं के साथ-साथ रक्षा एवं सुरक्षा संबंधी व्यय पर प्रतिवर्ष सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत खर्च करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

नेताओं ने नाटो की सामूहिक सुरक्षा गारंटी के प्रति अपनी ‘‘दृढ़ प्रतिबद्धता’’ को भी रेखांकित किया कि ‘‘एक देश पर हमला सभी पर हमला है।’’

शिखर सम्मेलन से पहले, ट्रंप ने अमेरिका द्वारा अपने सहयोगियों की रक्षा को लेकर फिर से संदेह जताया था।

अमेरिकी हमलों से हमारे परमाणु प्रतिष्ठान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं : ईरान

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने बुधवार को पुष्टि की कि सप्ताहांत में हुए अमेरिकी हमलों से देश के परमाणु प्रतिष्ठान ‘‘बुरी तरह से क्षतिग्रस्त’’ हुए हैं।

‘अल जजीरा’ से बात करते हुए बाघेई ने यह टिप्पणी की, हालांकि उन्होंने विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।

बाघेई ने स्वीकार किया कि रविवार को अमेरिकी बी-2 बमवर्षकों द्वारा बंकर-बस्टर बम गिराए जाने से काफी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे परमाणु प्रतिष्ठानों को बुरी तरह से नुकसान पहुंचा है।’’

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