केंद्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित जल संचय और जनभागीदारी अभियान में मध्यप्रदेश के खंडवा जिले ने एक बड़ा कीर्तिमान स्थापित करते हुए पूरे देश में अपनी पहचान बनाई है। खंडवा जिला जल संचय के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान हासिल कर पूरे प्रदेश का मान बढ़ा रहा है। वहीं राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश देश में चौथे स्थान पर है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में प्रदेशों और जिलों की इस रैंकिंग को जारी किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण अभियान के तहत मध्यप्रदेश सरकार मिशन मोड में काम कर रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में बारिश के पानी को संचयित करने और पुराने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए जल गंगा संवर्धन अभियान शुरू किया गया है। प्रदेशभर में खेत तालाब, कूप रिचार्ज पिट, अमृत सरोवर और अन्य जल संचयन कार्य तेजी से किए जा रहे हैं, जिससे वर्षा जल का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “जल संचय, जनभागीदारी” अभियान में खंडवा जिले को देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने जिले के नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को इस उपलब्धि पर बधाई दी। डॉ. यादव ने कहा कि जल संरक्षण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और उन्हें पूरा विश्वास है कि पूरे प्रदेश के सभी जिले इस अभियान में उत्कृष्ट परिणाम देंगे।
जल गंगा संवर्धन अभियान के राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी एवं मनरेगा आयुक्त विप्रसाद के अनुसार, खंडवा जिले में इस अभियान के तहत मनरेगा, 15वां वित्त, 5वां वित्त, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) और जनसहयोग के माध्यम से कुल 1,29,046 से अधिक जल संरचनाओं का निर्माण एवं पंजीकरण किया गया है। इन संरचनाओं में 12,750 कूप रिचार्ज पिट, 1,500 रिचार्ज शाफ्ट, 23,570 डगवेल, 5,780 बोल्डर चेकडैम, 1,256 बोल्डर वॉल, 3,960 बोरीबंधान, 7,455 पत्थर/मिट्टी के फील्डबैंड, 5,500 गलीप्लग (गेबियन/लूज बोल्डर), 3,269 नाला ट्रेंच, 6,528 हैंडपंप रिचार्ज, 39,000 रूफवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, 58 चेकडैम/स्टॉपडैम/तालाब, 4,800 पोखर तालाब, 2,275 ड्रेनवर्क, 1,500 खेत तालाब, 68 कंटूर ट्रेंच, 750 सूखे बोर रिचार्ज, 2,462 जीर्णोद्धार कार्य और 6,560 अन्य जल संरक्षण संबंधी कार्य शामिल हैं। इनमें हैंडपंप पुनर्भरण, सूखे बोरवेल पुनर्भरण और कुओं का पुनर्निर्माण भी शामिल है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रैंकिंग के बाद पूरे जिले में किए गए कार्यों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके उपरांत ही केंद्र सरकार की ओर से पुरस्कार की घोषणा की जाएगी। जल संचय, जनभागीदारी अभियान के अंतर्गत 1 अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 तक किए गए कार्यों के आधार पर खंडवा जिला देश में पहले स्थान पर है।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग ने 6 सितंबर 2024 को जल शक्ति अभियान के तहत "कैच द रेन" योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य कम लागत, वैज्ञानिक और सामुदायिक तरीके से भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना और जनता के बीच कृत्रिम भूजल पुनर्भरण की आवश्यकता को समझाना है, ताकि जल संकट जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान मिल सके।
इस अभियान के तहत सामुदायिक भागीदारी को प्रोत्साहित करते हुए विभिन्न संगठनों और व्यक्तियों को जल संरक्षण परियोजनाओं की जिम्मेदारी लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। जनभागीदारी के माध्यम से जल संरचनाओं का निर्माण और पुनरुद्धार करने के साथ ही कम लागत वाले बोरवेल रिचार्ज सिस्टम, रिचार्ज शाफ्ट, रूफटॉप वर्षा जल संचयन और जलाशयों के पुनरुद्धार जैसे कार्य भी इस अभियान में शामिल हैं। इस प्रकार यह अभियान जल संरक्षण के लिए एक व्यापक और वैज्ञानिक पहल साबित हो रहा है।
You may also like
ईरान पर इसराइल भारी पड़ा तो भारत पर किस तरह का असर पड़ेगा
International Yoga Day 2025: 80 की उम्र में दौड़ते हैं युवाओं से तेज, तीन लीटर दूध पीने वाले शिव भगवान भाकर की कहानी बनी मिसाल
21 जून, Morning News Headlines: आज सुबह तक की सभी ताजा खबरें क्रिकेट जगत से
Israel-Iran war: इजरायल के हमले में मारा गया एक ईरानी परमाणु वैज्ञानिक
यात्रियों के लिए खुशखबरी! समदड़ी से जोधपुर के लिए शुरू हुई रोडवेज सेवा, जाने किन रूट्स से होकर गुजरेगी बस