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यमुना फिर उफान पर...दिल्ली पर मंडराया बाढ़ का खतरा, हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खुले

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दिल्लीवासियों के लिए एक बार फिर खतरे की घंटी बज चुकी है। लगातार हो रही बारिश से यमुना नदी उफान पर है और जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि हरियाणा स्थित हथिनीकुंड बैराज के सभी 18 गेट खोलने पड़े। इस मानसून में यह पहला मौका है जब बैराज के सभी गेट पूरी तरह खोले गए। आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में राजधानी में बाढ़ का संकट और गहरा सकता है।

भारत के कई हिस्सों में गंगा सहित अन्य प्रमुख नदियों का जलस्तर पहले ही बढ़ चुका है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि मंगलवार तक यमुना का स्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है, जो कि दिल्ली के लिए बेहद खतरनाक स्थिति है।


सिंचाई विभाग ने दी जानकारी

सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि भारी बरसात के कारण यमुना में करीब 1.78 लाख क्यूसेक पानी आ चुका है। गर्ग के अनुसार, “हाल के दिनों में हुई लगातार बारिश ने नदी में इस सीज़न का सबसे ऊंचा जलस्तर ला दिया है।"


सीडब्ल्यूसी की बाढ़ एडवाइजरी

केंद्रीय जल आयोग (CWC) ने रविवार को चेतावनी जारी करते हुए कहा कि 19 अगस्त तक यमुना का स्तर 206 मीटर तक पहुंच सकता है। यह स्तर 205.33 मीटर के खतरे के निशान को पार कर जाएगा।

रविवार शाम 7 बजे तक यमुना पुराना रेलवे पुल पर चेतावनी स्तर को पार कर चुकी थी और जलस्तर 204.60 मीटर तक पहुंच गया। यहां आपको बता दें कि दिल्ली में चेतावनी स्तर 204.50 मीटर है, जबकि 206 मीटर पर प्रशासन लोगों की निकासी की प्रक्रिया शुरू करता है।

पुराना रेलवे पुल राजधानी में बाढ़ जोखिम की निगरानी का मुख्य बिंदु माना जाता है।

17 अगस्त को छोड़ा गया सबसे ज्यादा पानी

एडवाइजरी में यह भी कहा गया कि 17 अगस्त को हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी और ऊपरी यमुना क्षेत्र में भारी वर्षा की वजह से हालात और बिगड़ सकते हैं। संभावना है कि 19 अगस्त की रात लगभग 2 बजे तक यमुना का स्तर 206 मीटर को पार कर जाएगा।

इस स्थिति से निपटने के लिए सीडब्ल्यूसी ने संबंधित सभी विभागों और एजेंसियों को सतर्क रहने और एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।

केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों का कहना है कि जलस्तर बढ़ने की सबसे बड़ी वजह है वजीराबाद और हथिनीकुंड बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी।

बाढ़ नियंत्रण विभाग के मुताबिक, इस सीज़न में हथिनीकुंड बैराज से सबसे अधिक 1,27,030 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, वहीं वजीराबाद से हर घंटे करीब 45,620 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। आमतौर पर बैराज से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में 48 से 50 घंटे का समय लेता है।

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