New Delhi, 12 जुलाई . एयर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के इंजन के फ्यूल कंट्रोल स्विच टेकऑफ के तीन सेकंड बाद ‘रन’ से ‘कटऑफ’ की स्थिति में चले गए, जिसके कारण विमान उड़ान भरने के 34 सेकंड बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. Saturday को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती जांच रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई.
एयर इंडिया फ्लाइट 171 के इंजनों को ईंधन आपूर्ति करने वाले दोनों ईंधन नियंत्रण स्विच एक के बाद एक ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजिशन में चले गए, जिससे दोनों इंजन बंद हो गए. जांच रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से पूछते हुए सुना गया कि उसने ईंधन बंद क्यों किया, जिसके जवाब में दूसरा पायलट कहता है कि उसने ऐसा नहीं किया.
रिपोर्ट के अनुसार, इंजन 1 और 2 के ईंधन स्विच कुछ ही सेकंड में ‘रन’ स्थिति में आ गए. दोनों इंजनों के ईजीटी बढ़ गए, जो बताता है कि पुनः रिलाइट प्रक्रिया शुरू हो गई. कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि पायलटों में भ्रम की स्थिति थी. एक पायलट ने पूछा, “आपने कट क्यों किया?” दूसरे ने जवाब दिया, “मैंने ऐसा नहीं किया,” जिससे संभवतः गलतफहमी का संकेत मिलता है.”
इस उड़ान में सह-पायलट क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि मुख्य पायलट सुमीत सभरवाल उड़ान की निगरानी कर रहे थे.
सभरवाल के पास बोइंग 787 पर करीब 8,600 घंटे का अनुभव था, जबकि कुंदर के पास 1,100 घंटे से अधिक का अनुभव था. रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पायलटों को उड़ान से पहले पर्याप्त आराम मिला था.
15 पेज की रिपोर्ट के अनुसार, उड़ान शुरू होने से लेकर दुर्घटना तक लगभग 30 सेकंड तक चली. रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल जांच में ऐसा कुछ नहीं मिला है जिसके आधार पर बोइंग 787-8 विमान और जीई जेनएक्स-1बी इंजन बनाने वाली कंपनी के लिए कोई चेतावनी जारी करनी पड़े.
प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने 2018 में एक विशेष सूचना बुलेटिन (एसएआईबी) जारी किया था, जिसमें “ईंधन नियंत्रण स्विच की लॉकिंग सुविधा के अलग होने की संभावना” के बारे में चेतावनी दी गई थी. हालांकि, एयर इंडिया ने इसकी जांच नहीं की, क्योंकि यह बुलेटिन केवल सलाहकारी था, न कि अनिवार्य.
रिपोर्ट के अनुसार, विमान और इसके इंजनों पर सभी जरूरी हवाई योग्यता निर्देश और अलर्ट सेवा बुलेटिन का पालन किया गया था. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि उड़ान के दौरान मौसम से संबंधित कोई समस्या नहीं थी और विमान का टेक-ऑफ वजन निर्धारित सीमाओं के भीतर था.
फिलहाल जांच जारी है और जांच टीम हितधारकों से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त साक्ष्य, रिकॉर्ड और जानकारी की समीक्षा करेगी.
रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में एयर इंडिया ने कहा, “हम इस नुकसान पर शोक व्यक्त करते हैं और इस कठिन समय में सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं. एयर इंडिया नियामकों सहित हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है.”
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पीएसके/केआर
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