New Delhi, 15 जुलाई . केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य से पहले ही 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करना गर्व का क्षण है.
भारत ने 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करने का निर्धारित लक्ष्य 2030 रखा था, जिसे 2025 में ही प्राप्त कर लिया गया है.
केंद्रीय मंत्री जोशी ने गैर-जीवाश्म ईंधन की बढ़ती क्षमता को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व भारत के हरित परिवर्तन को गति दे रहा है और एक आत्मनिर्भर और टिकाऊ भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर रहा है.”
उन्होंने कहा कि 2030 के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता हासिल करना हर भारतीय के लिए एक गर्व का क्षण है.
केंद्रीय मंत्री ने पोस्ट में एक इंफोग्राफिक साझा करते हुए बताया कि 484.8 गीगावाट की कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में से 242.8 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन से प्राप्त की जा रही है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि भारत ने अपनी ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त किया है.
मंत्रालय ने जानकारी दी कि यह उपलब्धि पेरिस समझौते के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच वर्ष पहले ही हासिल कर ली गई है.
यह उपलब्धि दूरदर्शी नीति निर्माण, साहसिक कार्यान्वयन और समता एवं जलवायु उत्तरदायित्व के प्रति देश की गहरी प्रतिबद्धता की सफलता को दर्शाती है.
पीएम कुसुम, पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना, सोलर पार्क डेवलपमेंट और नेशनल विंड-सोलर हाइब्रिड पॉलिसी जैसे प्रमुख कार्यक्रमों ने इस परिवर्तन की मजबूत नींव रखी है.
बयान में बताया गया है कि जैव ऊर्जा क्षेत्र, जो कभी हाशिये पर था, अब ग्रामीण आजीविका और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन दोनों में एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है.
प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (पीएम कुसुम) ने सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप उपलब्ध करवाकर लाखों किसानों को सशक्त बनाया है, जिससे ऊर्जा-सुरक्षित और सस्टेनेबल कृषि संभव हुई है.
इसी तरह 2024 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना ने एक करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा की पहुंचाने के साथ विकेन्द्रीकृत ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देकर नागरिकों को ऊर्जा स्वामी के रूप में सशक्त बनाया है.
देश भर में सोलर पार्क ने रिकॉर्ड-कम दरों पर उपयोगिता-स्तरीय रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉलेशन को सुगम बनाया है. विशेष रूप से गुजरात और तमिलनाडु जैसे राज्यों में विंड एनर्जी देश की शाम की अधिकतम बिजली मांग को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है.
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एसकेटी/
The post जलवायु समाधान तलाश रही दुनिया में ‘भारत’ दिखा रहा राह : प्रल्हाद जोशी first appeared on indias news.
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