नई दिल्ली, 27 जून . भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का शुक्रवार को शुभ दिवस है. मान्यता है कि इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ नगर भ्रमण पर निकलते हैं. यह रथयात्रा विभिन्न राज्यों में निकाली जा रही है. इसी को देखते हुए विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने रथयात्रा के शुरू होने पर बधाई दी.
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, “करोड़ों ओड़िसावासियों के आभूषण ‘भगवान जगन्नाथ की पावन रथ यात्रा’ के अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. मैं चतुर्धामूर्ति के चरण कमलों में राज्य के विकास एवं सभी के कल्याण एवं उन्नति की प्रार्थना करता हूं.”
उन्होंने आगे कहा, “महाप्रभु से कामना करता हूं कि श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण यह यात्रा समस्त देशवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य लेकर आए. जय जगन्नाथ!”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “जय श्री जगन्नाथ! भगवान श्री जगन्नाथ जी की पावन रथ यात्रा के शुभारंभ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! यह मंगलमयी रथ यात्रा सभी के जीवन में सुख- शांति, समृद्धि, सेवा और सद्भाव का संचार करे, भगवान श्री जगन्नाथ जी से यही प्रार्थना है.”
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा, “अखिल विश्व के नाथ महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की ‘रथयात्रा’ के शुभारंभ की सभी श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं! महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी, भगवान बलभद्र और देवी मां सुभद्रा की कृपा से राजस्थान निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर रहे. साथ ही समस्त प्रदेशवासियों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार हो, यही प्रार्थना है. जय जगन्नाथ!”
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगन्नाथ यात्रा और लोक उत्सव गोंचा की बधाई देते हुए लिखा , “जय जगन्नाथ! बस्तर गोंचा पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. महाप्रभु जगन्नाथ से प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना करता हूं.”
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने भी लोक कल्याण की बात करते हुए पोस्ट में लिखा, “प्रत्येक सनातनी के लिए विशेष महत्व रखने वाली रथयात्रा के पावन अवसर पर मैं महाप्रभु जगन्नाथ से प्रार्थना करता हूं और भारत के कल्याण की कामना करता हूं.”
बता दें कि देशभर में प्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. वहीं, ओडिशा के पुरी की यात्रा सबसे बड़ी होती है. ओडिशा के पुरी से शुरू हुई यह जगन्नाथ यात्रा गुंडिचा मंदिर तक जाएगी. यह यात्रा 12 दिनों तक चलेगी. इसका समापन 15 जुलाई को नीलाद्रि विजय के साथ होगा, जब भगवान अपने मूल मंदिर लौटेंगे.
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एसएचके/केआर
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