उदयपुर, 1 अक्टूबर । भारत की एकमात्र और दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड ने विविधता और समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राजस्थान के उदयपुर स्थित देश के सबसे पुराने जिंक स्मेल्टर जिंक स्मेल्टर देबारी में महिला कर्मचारियों के लिए नाइटशिफ्ट की शुरुआत की है।
इस पहल के साथ अब कंपनी के सभी प्रमुख परिचालन इकाइयों — रामपुरा आगुचा माइन, पंतनगर मेटल प्लांट, चंदेरिया स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स, कायड़ माइन, जावर माइंस और सिंदेसर खुर्द माइन — में महिलाओं के लिए बैकशिफ्ट (दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक) और नाइटशिफ्ट (रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक) की व्यवस्था लागू है।
इन प्रगतिशील नीतियों से हिन्दुस्तान जिंक ने 26% से अधिक का जेंडर डायवर्सिटी अनुपात हासिल किया है, जो देश के मेटल, माइनिंग और हैवी इंजीनियरिंग सेक्टर में सबसे ऊंचों में से एक है।
“यह गर्व का क्षण है” – प्रिया अग्रवाल हेब्बर, चेयरपर्सन, हिन्दुस्तान जिंक
कंपनी की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बर ने कहा, “देबारी स्मेल्टर में महिलाओं को नाइटशिफ्ट में शामिल करना न केवल बाधाओं को तोड़ने वाला कदम है, बल्कि मेटल और माइनिंग सेक्टर में समावेशन का नया मानक भी है। सच्ची प्रगति तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति को समान अवसर, नेतृत्व का मंच और आत्मविश्वास मिले। हिन्दुस्तान जिंक एक ऐसा कार्यस्थल बना रहा है जहाँ विविधता नवाचार और विकास को बढ़ावा देती है।”
महिलाओं के लिए सुरक्षित और प्रेरक कार्यस्थल
महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए कंपनी ने मजबूत उपाय अपनाए हैं। अत्याधुनिक तकनीक, सुरक्षा प्रोटोकॉल और प्रगतिशील नीतियों के साथ हिन्दुस्तान जिंक पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान कार्यस्थलों को समावेशी वातावरण में परिवर्तित कर रहा है।
भारत की पहली महिला भूमिगत खदान प्रबंधकों की नियुक्ति और महिला खदान बचाव टीम की स्थापना जैसे कदम कम्पनी की लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं।
नाइटशिफ्ट में शामिल महिला इंजीनियर का अनुभव
देबारी स्मेल्टर की ग्रेजुएट ट्रेनी रुबीना अगवानी ने कहा, “नाइटशिफ्ट में काम करने वाली पहली महिलाओं में शामिल होना मेरे लिए गर्व और सशक्तिकरण का अनुभव है। कम्पनी की समावेशी संस्कृति और मजबूत सुरक्षा प्रोटोकॉल ने मुझे आत्मविश्वास दिया है। यह पहल मेटल और माइनिंग सेक्टर में अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करेगी।”
2030 तक 30% महिला प्रतिनिधित्व का लक्ष्य
हिन्दुस्तान जिंक का प्रमुख अभियान ‘वुमेन ऑफ जिंक’ इस दिशा में कंपनी की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है। कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2030 तक 30% महिला प्रतिनिधित्व प्राप्त करना है।
इस दिशा में किए जा रहे प्रयास न केवल कम्पनी के कार्यबल को अधिक विविध और सक्षम बना रहे हैं, बल्कि मेटल सेक्टर के भविष्य को भी नई दिशा दे रहे हैं।
You may also like
महिलाओं की शारीरिक इच्छाएं: जानें वो खास समय जब होती हैं सबसे अधिक सक्रिय
वृषभ राशि के लिए आज का राशिफल: प्यार, स्वास्थ्य और करियर में सकारात्मकता
मप्र के खंडवा में दुर्गा विसर्जन के दौरान तालाब में गिरी ट्रैक्टर-ट्रॉली, 11 लोगों की मौत
RSS की शताब्दी: बीजेपी की सफलता में सरस्वती शिशु मंदिर की भूमिका
राजस्थान-हरियाणा वालों की हुई बल्ले-बल्ले! अब घंटों का सफर होगा मिनटों में, पटरी पर दौड़ेगी नई वंदे भारत