New Delhi, 27 जुलाई . शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व Chief Minister उद्धव ठाकरे भारतीय राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं, जिन्होंने न केवल अपने पिता बाल ठाकरे की विरासत को संभाला, बल्कि उसे नए आयाम भी दिए.
27 जुलाई 1960 को Mumbai में जन्मे उद्धव ठाकरे शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के बेटे हैं. उनकी शिक्षा बालमोहन विद्यामंदिर और जेजे स्कूल ऑफ आर्ट से हुई, जहां उन्होंने फोटोग्राफी में विशेषज्ञता हासिल की. राजनीति में कदम रखने से पहले उद्धव एक कुशल फोटोग्राफर थे, जिन्होंने ‘महाराष्ट्र देश’ और ‘पहव विट्ठल’ जैसी पुस्तकों के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया.
उनकी राजनीतिक यात्रा और नेतृत्व शैली ने उन्हें महाराष्ट्र की सियासत में एक अलग पहचान दिलाई है. हाल के वर्षों में उद्धव ने अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ मराठी भाषा विवाद जैसे मुद्दों पर सुर्खियां बटोरी हैं. उद्धव ने 2002 में बृहन्Mumbai नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में शिवसेना के अभियान प्रभारी के रूप में राजनीति में कदम रखा, जहां पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया.
2003 में उन्हें शिवसेना का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और 2006 में पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के प्रधान संपादक बने. 2012 में बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव ठाकरे ने 2013 में शिवसेना की कमान संभाली. उनकी अगुवाई में शिवसेना ने 2014 में एनडीए सरकार में हिस्सा लिया, लेकिन 2019 में भाजपा से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी के साथ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठित किया. इसके परिणामस्वरूप उद्धव ठाकरे 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के 19वें Chief Minister बने.
उनका कार्यकाल कोविड-19 महामारी और राजनीतिक उथल-पुथल से भरा रहा. शुरूआती दौर में उनकी सरकार को महामारी से निपटने के लिए सराहना मिली, लेकिन आर्थिक प्रभाव और आंतरिक मतभेदों ने चुनौतियां खड़ी की.
साल 2022 में शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत ने एमवीए सरकार को गिरा दिया और उद्धव ठाकरे को Chief Minister पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता दी, जिसके खिलाफ उद्धव ठाकरे ने कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा, “शिवसेना का नाम और निशान छीन सकते हैं, लेकिन ठाकरे की पहचान नहीं.”
हाल ही में उद्धव और राज ठाकरे के सालों बाद एक साथ आने की खबरों ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी. हाल के दिनों में एक रैली में दोनों ने मंच साझा किया था, जो हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने की नीति के खिलाफ थी. इस नीति को वापस लेने को दोनों ने मराठी अस्मिता की जीत बताया.
–
एकेएस/एबीएम
The post उद्धव ठाकरे ने फोटोग्राफी से शुरू किया सफर, महाराष्ट्र की सियासत में बनाई अनूठी पहचान appeared first on indias news.
You may also like
सुनो जादू देखोगी…ˈ छात्रा को स्कूल के कमरे में ले गया टीचर की ऐसी हरकत पहुंचा जेल
Bihar: अवैध आधार कार्ड निर्माण का अड्डा बना सीतामढ़ी, वर्षों से चल रहा फर्जीवाड़ा, लैपटॉप के साथ दो गिरफ्तार
सुसाइड से एक दिन पहले हाथों में मेहंदी और 'सैयारा' गाना... इंस्टाग्राम वीडियो में सौम्या ने सीएम योगी से लगाई थी गुहार
न करे इसˈ दिन भूलकर भी पैसों का लेन देन नहीं लगती राजा से रंक बनते देर आर्थिक रूप से ये दिन माना जाता है शुभ
पहलगाम में जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था लेकिन... भारत और पाकिस्तान के मैच से सौरव गांगुली क्या बोले?