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अहिल्याबाई होल्कर न्याय और साहस की प्रतीक, हमारी सरकार उनके मूल्यों से लेती है प्रेरणा : मोहन चरण माझी

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भुवनेश्वर, 31 मई . ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के जयदेव भवन में आयोजित राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं राज्य स्तरीय जयंती समारोह के अवसर पर शनिवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने उन्हें न केवल एक शासक, बल्कि एक दूरदर्शी समाज सुधारक के रूप में भी याद किया.

सीएम माझी ने कहा, “अहिल्याबाई होल्कर न्याय, साहस और लोगों के कल्याण के लिए अद्वितीय समर्पण की प्रतीक थीं. उनकी विरासत सुशासन और सामाजिक उत्थान के मार्ग पर हमारा मार्गदर्शन करती रहती है. वह ओडिशा और पूरे देश के लोगों के लिए एक शाश्वत प्रेरणा बनी हुई हैं. हमारी सरकार उनके मूल्यों से प्रेरणा लेती है. ‘सुभद्रा योजना’ जैसी पहल महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बनाई गई है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे आत्मनिर्भरता और सामाजिक-आर्थिक प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ें. आज, अहिल्याबाई के दृष्टिकोण की तरह हम ग्रामीण विकास, महिला सशक्तीकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर देते हैं.”

उन्होंने कहा कि चुनौतीपूर्ण समय में महिलाओं का नेतृत्व और शक्ति एक बार फिर सबसे आगे आई है. उन्होंने कहा, “दो दिन पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे सफल ‘ऑपरेशन सिंधुरा’ में महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह ऑपरेशन केवल एक सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि नारी शक्ति का प्रतीक है.”

पारंपरिक मान्यताओं और समकालीन शक्ति के बीच की समानताओं को बताते हुए सीएम मोहन चरण माझी ने कहा, “हमने हाल ही में पारंपरिक त्योहार ‘सावित्री अमावस्या’ मनाया, जिसमें देवी सावित्री ने अपने पति की रक्षा के लिए यमराज से युद्ध किया था. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय महिलाओं के सम्मान और गरिमा के प्रतीक ‘सिंदूर’ की पवित्रता की रक्षा करने का संकल्प लिया है. इसका अनादर करने वाले किसी भी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें, जैसा कि प्रधानमंत्री ने चेतावनी दी है. उनके नेतृत्व में भारत सुरक्षित हाथों में है और लोग ‘मोदी है तो हम सुरक्षित हैं’ भावना को दोहराते हैं.”

उपमुख्यमंत्री प्रभाती परिदा ने कहा, “अहिल्याबाई के आदर्शों का पालन करके ओडिशा शासन, शिक्षा और महिला सशक्तीकरण में नए मानक स्थापित कर सकता है.”

कार्यक्रम में शामिल वक्ता सुरमा पाढ़ी ने अहिल्याबाई होल्कर को न्याय और साहस की सच्ची प्रतिमूर्ति बताया और कहा कि उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. वहीं भाषा, साहित्य, संस्कृति और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्य बंशी सूरज ने अहिल्याबाई होल्कर को आज के समाज के लिए मार्गदर्शक कहा.

एकेएस/एकेजे

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