New Delhi, 7 अगस्त . मीराबाई चानू भारतीय खेल जगत का चमकता हुआ नाम हैं. उन्होंने ओलंपिक में भारोत्तोलन में देश को पहला पदक दिलाया था.
मीराबाई चानू का जन्म 8 अगस्त 1994 को इम्फाल, मणिपुर में हुआ था. उनका पूरा नाम सैखोम मीराबाई चानू है. लेकिन, खेल जगत में वह ‘मीराबाई चानू’ के नाम से ही प्रसिद्ध हैं. एक बेहद साधारण परिवेश से निकलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम बनाने और सफलता अर्जित करने वाली मीराबाई चानू देश के लाखों खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा हैं.
मीराबाई चानू ने 12 साल की उम्र में भारोत्तोलन का अभ्यास करना शुरू किया था. उन्हें परिवार का बड़ा सहयोग मिला था.
चानू को पहली बड़ी सफलता 2014 में ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में मिली थी, जब उन्होंने सिल्वर जीता था. इस सफलता के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा है.
2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स और 2022 में बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने गोल्ड जीता था. 2017 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी उन्होंने गोल्ड जीता था.
चानू को सबसे बड़ी सफलता 2020 टोक्यो ओलंपिक में मिली, जब उन्होंने 49 किग्रा कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था. वह भारोत्तोलन में पदक जीतने वाली देश की पहली एथलीट बनीं.
इस सफलता से उन्होंने न सिर्फ देश का मान बढ़ाया, बल्कि दुनियाभर में बड़ी लोकप्रियता हासिल की. पेरिस ओलंपिक में मीराबाई चानू को सफलता नहीं मिली थी.
मीराबाई चानू को उनकी सफलता के लिए भारत सरकार ने 2018 में खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया था. 2018 में ही उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया.
मीराबाई चानू भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के एथलीट्स कमीशन की अध्यक्ष हैं. इस पद को संभालते हुए चानू ने एथलीटों की आवाज को बुलंद करने, उनके कल्याण को सुनिश्चित करने और उनके प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित रखने में सहायता करने का संकल्प लिया है.
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पीएके/एबीएम
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