रांची, 6 मई . कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पहलगाम हमले को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा करते हुए मंगलवार को कहा कि इंटेलिजेंस इनपुट के बावजूद सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की गई थी, इसलिए उन्हें इस हमले में हुई निर्दोष लोगों की मौत की जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
झारखंड की राजधानी रांची में मंगलवार को कांग्रेस की ओर से आयोजित ‘संविधान बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में केंद्र की सरकार ने पहलगाम की घटना पर इंटेलिजेंस चूक की बात मानी है. जब वह अपनी चूक मान रही है तो उसे हमले में हुई मौतों की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.
पुराना विधानसभा मैदान में आयोजित रैली में उन्होंने कहा, “मैंने एक अखबार में पढ़ा कि कश्मीर में आतंकवादी हमले और खतरे का इनपुट केंद्र सरकार को तीन दिन पहले मिला था. इसे देखते हुए उन्होंने (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने) अपना कश्मीर का दौरा रद्द कर दिया था, लेकिन उन्होंने वहां जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की. वहां पुलिस और बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की तैनाती की जानी चाहिए थी.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने दोहराया कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार जो भी कदम उठाएगी, कांग्रेस उसे पूरा समर्थन देगी. पाकिस्तान के खिलाफ सरकार कार्रवाई के लिए जिस भी तरह आगे बढ़ेगी, कांग्रेस उनका साथ देगी. देश सबसे बड़ा है. देश के बाद ही कोई धर्म और जाति है.
केंद्र सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के निर्णय को कांग्रेस की जीत बताते हुए खड़गे ने कहा कि राहुल गांधी ने यह मुद्दा पूरे देश के सामने रखा. इस मांग का पहले तो केंद्र सरकार और भाजपा के नेता विरोध करते रहे. उन्होंने कहा कि हम जातीय मुद्दे को उठाकर जनता को टुकड़े में बांट रहे हैं, धर्म के टुकड़े कर रहे हैं. लेकिन, जो बात हमने कही उसी बात को आज सरकार ने दोहराया है. जनगणना में जाति का कॉलम आ गया है.
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तीन बड़ी मांगें रखी हैं. पहली मांग है, जाति जनगणना का मॉडल तय करने के लिए सभी दलों के साथ बैठक कर आम सहमति बनाई जाए और यह काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए. दूसरी मांग संविधान के अनुच्छेद 15 (5) के तहत गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों को देश के निजी संस्थानों में भी आरक्षण दिया जाए. तीसरी मांग देश में 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा हटाने की है.
खड़गे ने नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने आजादी की लड़ाई और जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए नेशनल हेराल्ड, कौमी आवाज और नवजीवन अखबार निकाला था. सोनिया गांधी ने उन अखबारों को चलाने के लिए कुछ कदम उठाए तो उन पर ईडी का केस कर दिया गया. ईडी ने देश भर में 200 केस किए, लेकिन सिर्फ दो प्रतिशत मामलों में आरोपियों को सजा दिला पाई.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा-आरएसएस के लोग देश के लिए कभी लड़े नहीं, उनके नेताओं में कोई जेल नहीं गया, लेकिन आज ये लोग हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाने आए हैं.
उन्होंने केंद्र की सरकार पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी को दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जो लोग सही लिख-बोल रहे हैं, उन्हें जेल में डाला जा रहा है.
खड़गे ने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी गलत तरीके से जेल भेजा गया था. इन्हें स्वीकार नहीं है कि एक आदिवासी ऐसे पद पर रहे. खड़गे ने भाजपा सरकार पर देश के संविधान के विपरीत काम करने का आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि संविधान ने गरीबों, दलितों, आदिवासियों, महिलाओं को जो अधिकार दिए हैं, आज उन्हें बचाने की लड़ाई हमें लड़नी है. बाबा साहेब अंबेडकर ने सबको बराबरी का अधिकार दिया. उनके संविधान को हमने नहीं बचाया तो हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे, फिर से गुलाम बन जाएंगे. अमीर लोग यही चाहते हैं कि गरीबों को कुचला जाए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के संविधान बचाओ अभियान के तहत अगले 45 दिन तक सभी राज्यों, जिलों, प्रखंडों में रैलियां, सभाएं और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को इस संघर्ष में एकजुट होकर आगे आना होगा.
रैली को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, झारखंड कांग्रेस के प्रभारी के. राजू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश सहित कई नेताओं ने संबोधित किया.
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एसएनसी/एकेजे
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