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दिल्ली में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देना दिल्ली सरकार का लक्ष्य: आशीष सूद –

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New Delhi, 5 नवंबर . दिल्ली के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद ने Wednesday को दिल्ली सचिवालय में दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की.

एमसीडी के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में प्रतिदिन 14000 मीट्रिक टन कूड़ा उठाया जा रहा है. उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सेग्रीगेशन सोर्स पर ही कूड़ा अलगाव की प्रक्रिया में तेजी लाएं, तभी कूड़े का प्रबंधन सही तरीके से हो पाएगा.

मंत्री आशीष सूद ने कहा कि एमसीडी द्वारा दिल्ली में साफ-सफाई, कूड़े का सही तरीके से निस्तारण और प्रदूषण कम करने के लिए जो आधुनिक मशीनें आदि खरीदी जा रही हैं, उनका उपयोग सही तरीके से किया जाए और दिल्ली की साफ-सफाई आदि में इनका स्पष्ट प्रभाव भी दिखना चाहिए.

सूद ने एमसीडी के अधिकारियों के साथ दिल्ली में साफ-सफाई और प्रदूषण कम करने के लिए प्रयोग की जा रही 28 स्मॉक गन तथा 167 स्प्रिंकलर्स के बारे में विस्तृत से चर्चा की. उन्होंने एमसीडी के अधिकारियों को कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सब मशीन अपने सही तरीके से काम करें. अगर कर्मचारियों को प्रदूषण लेवल कम करने के लिए डबल शिफ्ट में भी काम करना पड़े तो उनको काम करने के आदेश दिए जाएं.

इसके साथ-साथ मंत्री सूद ने एमसीडी के अधिकारियों को 52 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनों के बारे में भी निर्देश दिए कि वे भी रोड पर सही तरीके से काम करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सभी मशीनों के रूट का सही से निर्धारण किया जाए.

मंत्री सूद ने आगे कहा कि पिछले साल गाजीपुर लैंडफिल साइट पर तीन बार आग लग चुकी है और यह सुनिश्चित किया जाए कि इस पर दोबारा आग ना लग सके. इसके साथ ही फायर की जिन मशीनों को इन लैंडफिल साइट पर आग बुझाने के लिए दिया गया है, उनसे भी उचित काम लिया जाए. बैठक में मंत्री सूद को डंप साइट्स और आग की घटनाओं पर नियंत्रण के संबंध में भी अवगत कराया गया. निगम अधिकारियों ने डंप साइट्स पर आग लगने की घटनाओं की रोकथाम के लिए अपनाए गए उपायों की विस्तृत जानकारी दी.

मंत्री सूद ने कहा कि दिल्ली Government प्रदूषण और कचरा प्रबंधन दोनों क्षेत्रों में कई स्तरों पर काम कर रही है. हमारा लक्ष्य दिल्ली में साफ-सफाई के साथ-साथ एक स्वच्छ और हरित दिल्ली बनाना है. डंप साइट्स पर आग की घटनाएं और खुले में कचरा जलाने जैसी स्थितियों पर अब वैज्ञानिक तरीके से काम किया जा रहा है. सभी विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि हर स्तर पर उनकी जवाबदेही तय हो.

एमएस/डीकेपी

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