परगना, 6 नवंबर . पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच बयानबाजी तेज हो गई है. भाजपा नेता दिलीप घोष ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा की राजनीति करने का आरोप लगाया है.
भाजपा नेता दिलीप घोष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “बंगाल में चुनाव के दौरान कई पोलिंग एजेंटों पर हमले होते हैं. यहां तक कि पीठासीन अधिकारियों पर भी हमले होते हैं. फिर भी चुनाव होते हैं और Government बनती है. यहां सत्तारूढ़ दल हिंसा की राजनीति करता है, जो इस राज्य की Political संस्कृति बन गई है.”
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कुछ ऐसे लोग भी हैं जो चुनाव जीतने के लिए ठेका ले लेते हैं. एसआईआर चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है, इसीलिए लोगों की परेशानी बढ़ गई है, लेकिन इससे कुछ होने वाला नहीं है. बंगाल में एसआईआर लागू होकर ही रहेगा. एसआईआर लागू होने से बाहरी लोग वोट नहीं दे पाएंगे, जिससे सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की परेशानी बढ़ने वाली है.
दिलीप घोष ने कहा कि आने वाले समय में शांतिपूर्वक एसआईआर पूरा होगा और उसके बाद चुनाव भी होगा. किसी के शोर मचाने और विरोध करने से एसआईआर पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है.
बंगाल की हिंसा पर भाजपा नेता ने कहा कि जब तक यहां ममता बनर्जी की Government नहीं जाएगी तब तक हिंसा शांत नहीं होने वाली है. वह दिन दूर नहीं जब भाजपा Government बनने वाली है और अपराधियों पर कार्रवाई होगी.
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार के काफिले पर हुए हमले को लेकर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. आए दिन किसी न किसी राजनेता पर हमला होता रहता है.
बता दें कि सुकांत मजूमदार के काफिले पर Wednesday रात नदिया जिले के नबद्वीप में कथित तौर पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हमला किया था.
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एसएके/डीकेपी
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