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'मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया', मालेगांव विस्फोट मामले में बरी होने के बाद रो पड़ीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

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Mumbai , 31 जुलाई . एनआईए की विशेष अदालत ने Thursday को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया, जिससे अदालत में भावुक माहौल छा गया.

अदालत ने अपने फैसले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपों को बरकरार रखने के लिए पर्याप्त सबूतों के अभाव का हवाला दिया.

फैसला सुनाए जाने के बाद, मुख्य आरोपियों में से एक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अदालत कक्ष में फूट-फूट कर रो पड़ीं. हाथ जोड़कर जज को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे 13 दिनों तक प्रताड़ित किया गया. मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी गई. मुझे 17 साल तक अपमानित किया गया. उन्होंने मुझे अपने ही देश में आतंकवादी करार दिया.”

बरी होने के लिए अदालत का शुक्रिया अदा करते हुए उन्होंने आगे कहा, “मैं उन लोगों के बारे में कुछ नहीं कह सकती जिन्होंने मुझे इस हालत में पहुंचाया. मैं सिर्फ इसलिए जिंदा हूं क्योंकि मैं एक संन्यासी हूं. भगवा को आतंकवाद करार दिया गया था, आज भगवा जीत गया है. हिंदुत्व जीत गया है. हिंदुत्व को आतंकवाद के बराबर बताने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा.”

अदालत में मौजूद एक अन्य अभियुक्त लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित ने भी फैसले के बाद कृतज्ञता व्यक्त की. उन्होंने कहा, “मैं ‘जय हिंद’ से शुरुआत करता हूं. मेरी पहचान भारतीय सेना से है. मैंने देश की सेवा की है और करता रहूंगा. जांच एजेंसियां एक संस्था के रूप में गलत नहीं हैं, लेकिन उनमें शामिल लोग गलत हो सकते हैं.

उन्होंने आगे कहा, “17 साल तक मैंने सजा भुगती. जमानत मिलने के बाद भी मुझे यह सब सहना पड़ा. जो हुआ वह गलत था. कुछ अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया और हम उनके शिकार बन गए. मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि किसी आम नागरिक को वह सब न सहना पड़े जो हमें सहना पड़ा. मैं अदालत का शुक्रगुजार हूं.”

Thursday को अदालत कक्ष खचाखच भरा हुआ था क्योंकि अदालत के पूर्व आदेश के अनुसार, सभी सात आरोपी फैसला सुनाए जाने के समय मौजूद थे. अदालत ने सरकार को छह मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए और प्रत्येक घायल पीड़ित को 50-50 हजार रुपए का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया.

मालेगांव विस्फोट 29 सितंबर, 2008 की शाम को हुआ था, जब महाराष्ट्र के नासिक जिले के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में भिक्कू चौक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था. रमजान के दौरान और नवरात्रि से कुछ दिन पहले हुए इस हमले में छह लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

पीएसके

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