जोधपुर, 20 सितंबर . केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने Saturday को जोधपुर के केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) का दौरा किया. इस दौरान उन्होंने बाजरा और अन्य खाद्य पदार्थों से बनी वस्तुओं का अवलोकन किया.
काजरी में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि संस्थान की स्थापना से लेकर अब तक कई नवाचार किए गए हैं, लेकिन अभी भी और अनुसंधान की आवश्यकता है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि जलवायु परिवर्तन के दौर में नई फसल वैराइटीज पर शोध जरूरी है ताकि खेती को और लाभकारी बनाया जा सके और किसान समृद्ध हो सकें.
चौधरी ने कहा, “काजरी ने कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किया है, लेकिन हम संतुष्ट नहीं हैं. हम चाहते हैं कि और अनुसंधान हो, खासकर ऐसी फसलों पर जो बदलते मौसम में किसानों के लिए फायदेमंद हों.”
गिरदावरी की ऑनलाइन प्रक्रिया से किसानों को हो रही समस्याओं के सवाल पर मंत्री ने कहा कि गिरदावरी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हो रही है.
उन्होंने बताया कि पटवारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जल्द से जल्द गिरदावरी पूरी करें. साथ ही, किसानों को भी ऑनलाइन गिरदावरी की सुविधा दी गई है. कई किसान अभी तक इस प्रक्रिया से पूरी तरह अवगत नहीं हैं, लेकिन Government उनकी जागरूकता और सुविधा के लिए लगातार प्रयासरत है.
कुछ किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर आंदोलन की खबरों पर भागीरथ चौधरी ने कहा कि Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व में किसानों के लिए बहुत कुछ किया गया है.
उन्होंने बताया कि 2024 से अब तक एमएसपी में वृद्धि की गई है और किसानों को यह चुनने की सुविधा दी गई है कि कौन सी फसल उनके लिए लाभकारी है. Prime Minister के तीसरे कार्यकाल में हर खरीफ और रबी फसल पर एमएसपी बढ़ाई गई है. यह पहली बार हुआ है. हम पहले भी एमएसपी बढ़ाते थे और आगे भी बढ़ाएंगे. लेकिन विपक्ष ने किसानों के लिए क्या किया, यह उनसे पूछा जाना चाहिए.
किसानों के कल्याण और खेती में नवाचार के सवाल पर उन्होंने कहा कि India का किसान देश का पेट भरता है और उनकी मदद के लिए जितना किया जाए, कम है. 29 मई से 12 जून तक ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ चलाया गया, जिसमें किसानों से संवाद स्थापित किया गया. हम किसानों को वैज्ञानिक मानते हैं. उनके अनुभवों से सीख ले रहे हैं और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर नए नवाचार पर काम कर रहे हैं. Government किसानों की समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हित में लगातार काम कर रही है.
–
एकेएस/डीएससी
You may also like
इंडोनेशिया में जहरीले कोबरा का मांस: एक अनोखी परंपरा
कुरुक्षेत्र हिंदी महोत्सव 2025: साहित्यिक प्रतिभाओं का हुआ सम्मान
रॉन्ग नंबर से शुरू हुई दोस्ती, प्यार` में बदली, भरोसा जीतकर मंगवाया आपत्तिजनक वीडियो और फिर.
नौकरी बचाएगा ही नहीं, ऑफिस में हीरो भी बना सकता है AI, बस यूं करना होगा इस्तेमाल
नेहा कक्कड़ के गाने 'एक तो कम जिंदगानी' पर झूमी भोजपुरी एक्ट्रेस श्वेता शर्मा, दिखाए नोरा फतेही जैसे डांस मूव्स