नई दिल्ली, 22 जून . बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की ‘जमाई आयोग’ की मांग पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने जोरदार तंज कसा है. उन्होंने कहा कि बेटे और दामाद दो तरह के होते हैं. एक लायक, दूसरा नालायक.
मांझी ने कहा, ” वो क्रिकेट में फेल हुए तो उनके पिता अपने नालायक बेटे को राजनीति में ले आए.”
बिहार के विभिन्न आयोग में सत्ता पक्ष के कई नेताओं के दामादों को नियुक्त किया गया है. तेजस्वी यादव ने इसे मुद्दा बनाते हुए जमाई आयोग वाली टिप्पणी की थी. उन्होंने नीतीश कुमार को ‘जमाई आयोग’ बनाने की सलाह दी थी.
तेजस्वी की ओर से ‘जमाई आयोग’ बनाने की सलाह पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट को निशाने पर ले जीतन राम मांझी ने लिखा, “बेटे और दामाद दो तरह के होते हैं. एक लायक और दूसरा नालायक होता है. लायक बेटा वो होता है जो अपने दम पर यूनिसेफ में नौकरी करते हुए पढ़ाई करता है. यूजीसी (एनईटी) पास करके पीएचडी करता है फिर बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा पास करके विश्वविद्यालय में शिक्षक बनता है.”
जीतन राम मांझी ने आगे नालायक बेटे की परिभाषा को विस्तार से बताते हुए कहा, ” नालायक बेटा 10वीं पास भी नहीं कर पाता है. पिता की कृपा से क्रिकेट खेलता है, लेकिन वहां भी फेल ही होता है. इसके बाद पिता उस नालायक बेटे को राजनीति में उतार देते हैं और जबरदस्ती उसे दल की कमान सौंप देते हैं.”
मांझी ने लायक दामाद के बारे में आगे कहा, ” वैसे ही लायक दामाद अपने समाज का पहला इंजीनियर होता है और कई चुनाव लड़ने, सामाजिक कार्य करने के बाद योग्यता के आधार पर ओहदा हासिल करता है. वहीं दूसरी ओर नालायक दामाद इंजीनियरिंग करने के बावजूद घर जमाई बनता है और रोजाना सास-ससुर-साले की गाली सुनने के बावजूद सांसद पत्नी का पर्स ढोए फिरता है.”
नेताओं के रिश्तेदारों को विभिन्न आयोग और बोर्ड में शामिल किए जाने पर हाल ही में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के दामादों को आयोग में शामिल किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे.
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डीकेएम/केआर
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