नागपुर, 3 सितंबर . अंडरवर्ल्ड डॉन अरुण गवली 17 साल के बाद नागपुर जेल से बाहर आया है. उसे 2007 में शिवसेना नेता कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में Supreme court ने अरुण गवली को जमानत दी. इसके बाद Wednesday को डॉन अरुण गवली बेल पर नागपुर जेल से छूटा.
नागपुर पुलिस सुरक्षा के बीच अरुण गवली की रिहाई हुई. बताया जा रहा है कि पुलिस टीम Wednesday को उसे नागपुर के बाबासाहेब अंबेडकर एयरपोर्ट पर लेकर आई, फिर विमान से Mumbai के लिए रवाना हुई थी.
अरुण गवली, जो 2004 में Mumbai की एक विधानसभा सीट से विधायक भी चुना गया था, वह Mumbai के शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में नागपुर सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. अरुण गवली को शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की 2007 में हुई हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था. Mumbai सत्र न्यायालय ने 2012 में गवली को इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद उसे नागपुर सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था.
गिरफ्तारी के बाद अरुण गवली ने समय-समय पर अदालतों का रुख किया. उसने सत्र न्यायालय के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. हालांकि 2019 में हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा. गवली की ओर से जमानत को लेकर याचिकाएं दायर की गईं. आखिर में अरुण गवली ने Supreme court का रुख किया.
पिछले हफ्ते 28 अगस्त को Supreme court ने शिवसेना पार्षद हत्या मामले में गवली को जमानत दी. गवली की उम्र (73 साल) और लंबी सजा अवधि (18 साल की सजा) को देखते हुए अदालत ने जमानत को मंजूर किया.
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डीसीएच/
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