इस्लामाबाद, 28 जुलाई . पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मानवाधिकार विशेषज्ञों और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने गहरी चिंता जताई है. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से तत्काल जांच, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए आवश्यक सुधार लागू करने की अपील की है.
यूएन विशेषज्ञों ने 24 जुलाई को जारी अपने बयान में कहा, “धर्म या आस्था के आधार पर कमजोर समुदायों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की खबरों से हम स्तब्ध हैं.” इस बयान में दशकों से जारी दमन के प्रति नाराजगी और निराशा की झलक दिखी.
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान को “उस दंडहीनता के चक्र को तोड़ना होगा जिसने अत्याचारियों को बेखौफ बना दिया है.”
बता दें कि अहमदिया मुस्लिम, ईसाई, हिंदू और शिया समुदाय पाकिस्तान में सबसे अधिक उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वॉच की ताज़ा रिपोर्टों में अल्पसंख्यकों पर हिंसा को “संगठित आतंक” करार दिया गया है, जिसे “रैंडम नहीं बल्कि सुनियोजित” बताया गया है.
रिपोर्टों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की निष्क्रियता को दोषियों को बढ़ावा देने वाला बताया गया है. बताया गया, “डर का यह चक्र लोगों और संस्थाओं दोनों को इन अल्पसंख्यकों के अधिकारों और गरिमा की रक्षा करने से रोकता है.”
विशेष रूप से अहमदिया समुदाय को लेकर रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें 1974 से पाकिस्तान के संविधान में गैर-मुस्लिम घोषित किया गया है. उन्हें खुद को मुस्लिम कहने, सार्वजनिक रूप से अपने धार्मिक विश्वासों को प्रकट करने या अपने पूजा स्थलों को मस्जिद कहने की कानूनी मनाही है.
ह्यूमन राइट्स वॉच ने 2024 में अहमदिया समुदाय के खिलाफ कई हमलों को दर्ज किया है, जिनमें मस्जिदों का अपवित्रीकरण, कब्रिस्तानों की तोड़फोड़ और धार्मिक ग्रंथों को जलाया जाना शामिल है. रिपोर्ट में बताया गया, “मृत्यु के बाद भी उन्हें सम्मान नहीं मिलता.”
अहमदियों को अलग वोटर लिस्ट में रखा जाता है, उनके धार्मिक स्थलों को पुलिस द्वारा सील किया जाता है और उन्हें अक्सर झूठे ईशनिंदा मामलों में फंसा दिया जाता है, जिससे उनकी गिरफ्तारी, गुमशुदगी और यहां तक कि हत्या तक हो जाती है.
2025 की आयोग रिपोर्ट में कहा गया है कि ईसाई, हिंदू, शिया और अहमदिया मुस्लिम समुदायों पर सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए हैं.
इसके अलावा, महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा और बलात्कार, धर्म परिवर्तन की घटनाएं भी लगातार सामने आ रही हैं. हिंदू, ईसाई और सिख लड़कियों को अगवा कर जबरन धर्म परिवर्तन कर शादी कर दी जाती है. इनमें कई लड़कियों की उम्र तो 12 साल के करीब होती है.
–
डीएससी/जीकेटी
The post संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की निंदा की, कार्रवाई की मांग appeared first on indias news.
You may also like
AUS vs WI: ऑस्ट्रेलिया ने टी20 में पहली बार किया ऐसा कारनामा, वेस्टइंडीज का सूपड़ा साफ, अब बस भारत आगे
2000 साल में पहलीˈ बार यहाँ मिला दुनिया के अंत का संकेत लोगों में बढ़ी दहशत
खेलः गौतम गंभीर की ओवल के क्यूरेटर से हुई तीखी बहस और महिला वनडे में मंधाना की जगह नंबर-1 बल्लेबाज बनीं ब्रंट
जेम्स एंडरसन: टेस्ट क्रिकेट के शिखर तक पहुंचने वाला स्विंग का जादूगर
चीन 2025 फीना विश्व चैंपियनशिप में पदक तालिका में शीर्ष पर