जमशेदपुर, 20 मई . जमशेदपुर के डिमना लेक में डूबने से दो युवकों की मौत हो गई. सिविल डिफेंस टीम की घंटों कोशिश के बाद मंगलवार दोपहर दोनों के शव बाहर निकाले गए. मृतकों की पहचान शहर के मानगो इलाके के निवासी नितिन गोराई और प्रतीक कुमार के रूप में हुई है.
बताया गया कि शहर के छह युवक सोमवार की शाम बोड़ाम थाना क्षेत्र में डिमना लेक के पास घूमने गए थे. शाम करीब छह बजे सभी लोग नहाने के लिए लेक में उतर गए. इनमें से दो गहरे पानी में चले गए. अन्य युवकों ने दोनों को बचाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाए.
युवक डैम के जिस इलाके के पास पहुंचे थे, वह कुटिमाकली गांव में टापू के पास स्थित है. वहां आसपास आबादी नहीं है, इसलिए डूबे युवकों की तलाशी का काम तत्काल शुरू नहीं हो पाया.
सूचना पाकर युवकों के परिजन करीब घंटे भर बाद वहां पहुंचे. इसके बाद स्थानीय प्रशासन के सहयोग से डैम में डूबे युवकों की तलाश शुरू हुई. सोमवार देर रात तक उनके शव बरामद नहीं हुए. मंगलवार सुबह सिविल डिफेंस टीम के गोताखोरों ने फिर से तलाशी अभियान शुरू किया.
दोपहर में टीम ने जैसे ही दोनों युवकों के शव डैम से बाहर निकाले, वहां मौजूद उनके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. पुलिस ने दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं.
झारखंड के अलग-अलग इलाकों में पिछले 40 दिनों के दौरान डैम, नदी, तालाब और जलाशयों में डूबने की अलग-अलग घटनाओं में पंद्रह से ज्यादा युवाओं और बच्चों की मौत हो चुकी है.
रविवार को खूंटी जिले के पेरवाघाघ फॉल में डूबने से रिम्स के इंटर्न डॉ. अभिषेक माइकल खलखो की मौत हो गई थी. रिम्स के एमबीबीएस छात्र और विशेषज्ञ चिकित्सकों का 26 सदस्यीय दल पेरवाघाघ फॉल पिकनिक मनाने पहुंचा था. फॉल में नहाने के दौरान डॉ. माइकल गहरे पानी में चले गए थे और उन्हें बचाया नहीं जा सका था.
14 मई को हजारीबाग के चमेली झरना में डूबने से शिवम कुमार की जान चली गई थी. इसके पहले 4 मई को खूंटी में ही पानी से भरे एक गड्ढे में डूबने से आजाद रोड बस्ती के दो बच्चों हमजा अंसारी और शमद अंसारी की जान चली गई थी.
गढ़वा जिले के उड़सुगी गांव में 15 अप्रैल की दोपहर पानी से भरे एक गड्ढे में डूबने से चार बच्चों लक्की कुमार, अक्षय कुमार, नारायण चंद्रवंशी और हरिओम चंद्रवंशी की मौत हो गई थी.
इसके पहले 11 अप्रैल को गढ़वा के हरैया गांव तालाब में डूबने से चार लड़कियों लाडो सिंह, अंकिता सिंह, रोमा सिंह और मीठी सिंह की जान चली गई थी.
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एसएनसी/एबीएम