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बिहार : प्रतिबंधित पीएफआई की गतिविधियों को बढ़ावा देने के मामले में आरोपपत्र दायर

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नई दिल्ली, 2 जुलाई . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने प्रतिबंधित पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बिहार में एक आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया.

एनआईए का आरोपपत्र बिहार के पूर्वी चंपारण के निवासी के खिलाफ दायर किया गया है. पूर्वी चंपारण जिले के मोहम्मद सज्जाद आलम आरसी-31/2022/एनआईए/डीएलआई मामले में गिरफ्तार और आरोपपत्र दाखिल किए जाने वाले 18वें आरोपी हैं. आलम पर प्रतिबंधित पीएफआई की गतिविधियों को बढ़ाने का आरोप है.

एनआईए की विशेष अदालत, पटना के समक्ष बुधवार को दाखिल अपने पूरक आरोप पत्र में आतंकवाद निरोधी एजेंसी ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी और यूए(पी) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं. आरोपी को इस साल जनवरी में दुबई (यूएई) से आने पर नई दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था.

इससे पहले एनआईए की विशेष अदालत ने पीएफआई के सक्रिय कार्यकर्ता सज्जाद के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. एनआईए की जांच में पता चला था कि आरोपी कर्नाटक और केरल स्थित एक सिंडिकेट के जरिए दुबई से बिहार में पीएफआई कार्यकर्ताओं को अवैध धन पहुंचाने में शामिल था.

भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बाद भी इस धन का इस्तेमाल पीएफआई की आपराधिक/गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया गया. पीएफआई की साजिश का उद्देश्य 2047 तक भारत में इस्लामी शासन स्थापित करना था, जिसमें लोगों को आतंकित करने और विभिन्न समूहों के बीच धार्मिक दुश्मनी फैलाकर देश की शांति और सद्भाव को बाधित करने के लिए संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां शामिल थीं.

यह मामला मूल रूप से 12 जुलाई 2022 को पटना जिले के फुलवारीशरीफ थाने में आईपीसी के तहत 26 लोगों के खिलाफ दर्ज किया गया था. एनआईए ने कुछ दिनों बाद जांच शुरू की और मामले में यूए (पी) अधिनियम लगाया और पहले 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. मामले में आगे की जांच जारी है.

एससीएच/डीएससी

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