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चीन में ट्रेड इन नीति से विदेशी उद्यमों को भी लाभांश मिला

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बीजिंग, 23 मई . चीनी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में कार की ट्रेड इन नीति लागू होने से 1 करोड़ से अधिक भत्ते के आवेदन पत्र मिले हैं. सरकारी भत्ते से उपभोक्ताओं का पुरानी कार बेचकर नई कार खरीदने का खर्च कम हो गया है और कार कंपनियों की बिक्री को बड़ा बढ़ावा मिला है. इससे न सिर्फ चीनी उद्यमों, बल्कि विदेशी उद्यमों को भी लाभांश मिला है.

मशहूर जर्मन कार निर्माता पोर्श के चीनी क्षेत्र के सार्वजनिक संबंध विभाग की उपनिदेशक थांग फंगल्यांग ने बताया कि चीन सरकार द्वारा प्रस्तुत ट्रेड इन नीति ने कार बाजार के लिए सकारात्मक नीतिगत वातावरण रचा है. पोर्श ने इस मौके का खूब लाभ उठाया. हमारे विभिन्न उत्पाद भत्ते की नीति से मेल खाते हैं.

कार को छोड़कर होम अप्लायंस बाजार की ट्रेड इन नीति से विदेशी उद्यमों को बड़ा लाभ भी मिला है. चीन में मशहूर होम अप्लायंस बिक्री कंपनी सुनिंग ईको के अनुसार पिछले सितंबर से अब तक चीन और विदेशों की सहकारी पूंजी वाले उद्यमों के होम अप्लायंस उत्पादों की बिक्री साल दर साल 44.7 प्रतिशत बढ़ी.

चीन के विदेश व्यापार विश्वविद्यालय के वैश्विक सृजन व प्रबंधन अध्ययन संस्थान के निदेशक ल्यु युए ने सीएमजी को बताया कि एक तरफ सरकार के भत्ते और उद्यमों की उदार नीति से उपभोग की उन्नति को प्रोत्साहन मिला, जिससे कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विदेशी पूंजी वाले ब्रांड्स के उत्पादों की बिक्री में तेजी आई है.

दूसरी तरफ, चीन की ट्रेड इन नीति देशी-विदेशी उद्यमों के प्रति समदर्शी है, इससे विदेशी निवेशकों का चीनी गुणवत्ता विकास में भाग लेने का विश्वास मजबूत हुआ है.

फिलहाल चीन जर्मनी वाणिज्य संघ ने नवीन अंक के वाणिज्यिक विश्वास की पड़ताल रिपोर्ट जारी की. इससे पता चला कि टैरिफ वॉर के प्रभाव के बावजूद इसके 50 प्रतिशत से अधिक सदस्य उद्यमों को भावी दो साल में चीन में निवेश बढ़ाने की योजना है. चीनी बाजार के प्रति चीन में जर्मन उद्यमों का पक्का विश्वास बना रहता है.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

एबीएम/

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