नई दिल्ली, 22 अप्रैल . जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजीडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) ने सिविल सेवा परीक्षा में एक बार फिर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. अकादमी के 32 छात्रों का यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा 2024 में चयन हुआ है. आरसीए के 78 छात्र अंतिम राउंड तक पहुंचे थे और साक्षात्कार में शामिल हुए थे. इनमें से 12 महिलाओं सहित 32 उम्मीदवारों का चयन हुआ है.
गौरतलब है कि मंगलवार को यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम परिणाम घोषित किए. चयनित 32 उम्मीदवारों में से कुछ को आईएएस और आईपीएस सेवाएं मिलने की संभावना है और शेष उम्मीदवारों को उनकी रैंकिंग और पसंद के अनुसार ग्रुप-ए की आईआरएस, ऑडिट एंड अकाउंट सर्विस, आईआरटीएस और अन्य संबद्ध सेवाएं मिलने की संभावना है.
गौरतलब है कि जामिया मिलिया इस्लामिया की रेजीडेंशियल कोचिंग अकादमी कमजोर वर्ग के छात्रों को निःशुल्क कोचिंग मुहैया कराती है. अल्फ्रेड थॉमस, जिन्होंने अखिल भारतीय स्तर पर 33वीं रैंक हासिल की, वह इस वर्ष जामिया आरसीए से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र हैं. उनके बाद जामिया आरसीए की छात्रा इरम चौधरी हैं, जिन्होंने 40वीं रैंक हासिल की है. रुचिका झा ने ऑल इंडिया 51वीं रैंक हासिल की है.
जामिया के आरसीए प्रशिक्षित उम्मीदवारों के इस शानदार प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ ने संतोष व्यक्त किया. उन्होंने इस प्रतिष्ठित परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले आरसीए के सभी उम्मीदवारों को बधाई देते हुए कहा, “यह बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि जामिया मिलिया इस्लामिया के आरसीए ने यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. इन छात्रों की सफलता भौगोलिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के उम्मीदवारों को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है. हमारी महिला उम्मीदवारों ने असाधारण प्रदर्शन किया है. वे न केवल आरसीए के भावी उम्मीदवारों के लिए अपितु जामिया मिलिया इस्लामिया में विभिन्न पाठ्यक्रमों में भाग लेने वाली सभी लड़कियों के लिए रोल मॉडल हैं.”
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. रिजवी ने कहा, “यूपीएससी 2024 के परिणाम देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक की तैयारी के प्रत्येक चरण में जामिया मिलिया इस्लामिया के आरसीए द्वारा दिए जाने वाले प्रशिक्षण की कठोर प्रकृति को दर्शाते हैं. ये परिणाम हमारे छात्रों के अटूट समर्पण और हमारे संस्थान द्वारा प्रदान किए गए असाधारण मार्गदर्शन की गवाही देते हैं. जामिया मिलिया इस्लामिया के आरसीए ने उत्कृष्टता का एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है जो देश के लिए उत्कृष्ट सिविल सेवकों को तैयार करना जारी रखता है.”
विश्वविद्यालय का मानना है कि आरसीए की प्रभारी प्रो. समीना बानो की व्यक्तिगत सलाह ने इस उत्कृष्ट परिणाम को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने प्रत्येक उम्मीदवार के साथ मिलकर काम किया है. जामिया के कुलपति और कुलसचिव ने उन छात्रों को प्रोत्साहन दिया जो अंतिम चयन से चूक गए हैं. उन्होंने आगामी परीक्षा में बेहतर परिणाम प्राप्त करने में उनकी सहायता करने के लिए व्यापक समर्थन का वचन दिया.
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जीसीबी/एकेजे
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