Delhi Classroom Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली क्लासरूम केस के मामले में खरीद रिकॉर्ड में हेराफेरी करने और फर्जी खरीद बिल बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए निजी ठेकेदारों और फर्जी फर्मों के जाली लेटरहेड भी जब्त किए, साथ ही मूल सरकारी विभागीय फाइलें और रबर स्टैंप भी जब्त किए, जिन पर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के नाम और पदनाम अंकित थे। एजेंसी ने एक बयान में कहा, “तलाशी के दौरान, ईडी ने एक निजी ठेकेदार के परिसर से पर्याप्त सबूत बरामद किए।
क्या-क्या किए गए जब्त?जब्त की गई सामग्रियों में दिल्ली सरकार की मूल फाइलें और मजदूरों के नाम पर म्यूल अकाउंट्स से जुड़ी 322 पासबुक शामिल थीं, जिनका इस्तेमाल वैध भुगतान की आड़ में सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को छिपाने के लिए किया गया था।” ईडी ने कहा कि ये म्यूल अकाउंट्स और जाली दस्तावेज एक व्यापक ऑपरेशन का हिस्सा थे, जिसमें अतिरिक्त कक्षाओं पर निर्माण कार्य के लिए नकली चालान और बढ़ा-चढ़ाकर या पूरी तरह से फर्जी दावे शामिल थे। बिना किसी बुनियादी ढांचे या परिचालन वैधता वाली डमी फर्मों को इन गतिविधियों के लिए पर्याप्त भुगतान प्राप्त करते हुए दिखाया गया था।
एजेंसी ने कही ये बात
एजेंसी ने कहा कि अनियमितताओं की ओर इशारा करने वाले पर्याप्त दस्तावेज और डिजिटल सबूत जब्त किए गए। 18 जून को दिल्ली में 37 स्थानों पर छापे मारे गए। ईडी की जांच दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है, जो 12,748 अर्ध-स्थायी कक्षाओं के निर्माण से जुड़ी एक परियोजना में प्रक्रियागत खामियों और संदिग्ध भ्रष्टाचार की जांच कर रही है। शुरू में ₹860 करोड़ का अनुमान लगाया गया था, लेकिन कथित तौर पर नए टेंडर या मानक खरीद नियमों का पालन किए बिना 2015 और 2023 के बीच परियोजना की लागत बढ़कर ₹2,800 करोड़ से अधिक हो गई।
जांच में दायरे में हैं मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैनआपको जानकारी के लिए बता दें कि, आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन वर्तमान में मामले के सिलसिले में एसीबी और ईडी दोनों की जांच के दायरे में हैं। 18 जून की छापेमारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आप ने एक बयान में कहा कि “तथाकथित छापे कुछ और नहीं बल्कि जनता का ध्यान भटकाने का एक हताश प्रयास है। इसके अलावा, आम आदमी पार्टी ने आरोपों को “निराधार, राजनीति से प्रेरित और भाजपा की जनविरोधी कार्रवाइयों से ध्यान भटकाने के उद्देश्य से” बताया।