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पेशाब के रंग में बदलाव: जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

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पेशाब के रंग का महत्व

पेशाब का रंग हमारे खानपान, पानी की खपत और स्वास्थ्य से गहरा संबंध रखता है। यदि कभी-कभी यूरिन का रंग गाढ़ा हो जाए तो चिंता की बात नहीं, लेकिन यदि यह नियमित रूप से हो रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं इसके संभावित कारण, इससे जुड़ी बीमारियाँ और बचाव के उपाय।


सुबह के समय पेशाब का रंग


कई बार सुबह उठते ही पेशाब का रंग हल्के से लेकर गाढ़े पीले रंग का होता है। अधिकांश लोग इसे सामान्य मानकर अनदेखा कर देते हैं, लेकिन यह शरीर के भीतर चल रही प्रक्रियाओं का संकेत हो सकता है। यूरिन का रंग शरीर में पानी की मात्रा, खानपान, दवाइयों और स्वास्थ्य स्थितियों पर निर्भर करता है। यदि यह स्थिति कभी-कभी होती है तो चिंता की बात नहीं, लेकिन यदि यह रोजाना हो और जलन, बदबू या अन्य लक्षण भी दिखाई दें, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह विटामिन्स की अधिकता या संक्रमण, डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं का संकेत हो सकता है।


बीमारियों का संकेत

डॉ. सुभाष जैन, सफदरजंग हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग से बताते हैं कि लगातार पीला या गाढ़ा यूरिन कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। सबसे सामान्य कारण डिहाइड्रेशन है। इसके अलावा, यह यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण), लिवर से जुड़ी बीमारियाँ जैसे पीलिया या किडनी की समस्याओं का संकेत भी हो सकता है। यदि यूरिन में तेज बदबू, जलन या झाग दिखाई दे, तो ये संक्रमण के संकेत हो सकते हैं।


कुछ मामलों में, डायबिटीज या प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्याएँ भी यूरिन के रंग और मात्रा को प्रभावित कर सकती हैं। गर्भवती महिलाओं में हार्मोनल बदलावों के कारण भी यूरिन का रंग पीला हो सकता है। यदि पेशाब के रंग में लगातार बदलाव आ रहा है, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।


बचाव के उपाय

रोजाना 7-8 गिलास पानी पिएं।


बहुत अधिक विटामिन सप्लीमेंट्स न लें, डॉक्टर की सलाह से ही लें।


सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।


ज्यादा नमक और प्रोसेस्ड फूड से बचें।


यदि यूरिन में जलन, दर्द या रंग में बदलाव हो तो तुरंत जांच कराएं।


साफ-सफाई का ध्यान रखें।


समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें।


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