इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने भगवद् गीता के अध्ययन के लिए एक डिग्री कोर्स की शुरुआत की है। इस कोर्स की न्यूनतम अवधि दो वर्ष है, जबकि इसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अधिकतम चार वर्ष में भी पूरा किया जा सकता है। इस कोर्स का माध्यम हिंदी होगा और परीक्षा वार्षिक आधार पर आयोजित की जाएगी। इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक, डॉ. जोगेंद्र कुमार ने बताया कि यह कोर्स जुलाई 2024 से शुरू होगा। इसके लिए डिप्लोमा आवश्यक है।
प्रवेश की शर्तें
इस कोर्स में प्रवेश के लिए, छात्रों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से तीन वर्षीय स्नातक डिग्री प्राप्त करनी होगी। इसके अलावा, इग्नू ने विभिन्न मास्टर और बैचलर डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए नए प्रवेश और पुनः पंजीकरण की अंतिम तिथि 15 जुलाई तक बढ़ा दी है।
कोर्स की प्रक्रिया
प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन है, जिसके लिए लिंक इग्नू की वेबसाइट पर उपलब्ध है। विश्व के किसी भी विश्वविद्यालय में भगवद् गीता पर कोई डिग्री प्रोग्राम नहीं था, जबकि भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में गीता आंशिक रूप से पाठ्यक्रम में शामिल है। इग्नू द्वारा शुरू किया गया यह एम.ए. भगवद् गीता अध्ययन कार्यक्रम है।
हिंदी माध्यम में उपलब्धता

यह कार्यक्रम हिंदी में उपलब्ध है, और भविष्य में इसे अंग्रेजी में भी पढ़ाया जाएगा। छात्रों को मान्यता प्राप्त संस्थान से कम से कम 50% अंक के साथ स्नातक डिग्री होनी चाहिए। प्रोफेसर देवेश कुमार मिश्र ने इस पाठ्यक्रम को डिजाइन किया है और वे इसके समन्वयक भी हैं।
कोर्स की फीस
इग्नू में इस कोर्स के लिए प्रवेश और परीक्षा आवश्यक है। भगवद् गीता अध्ययन के लिए प्रमाणन किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से प्राप्त करना होगा। इस कोर्स की कुल फीस 12,600 रुपए है, जो दो वर्षों में 6300-6300 रुपए के रूप में ली जाएगी। इस कोर्स के लिए ऑनलाइन आवेदन इग्नू की वेबसाइट पर किया जा सकता है।
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