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कर्नाटक के दिवाली समारोह में 10 लोग बीमार, 1 लाख की भीड़ ने बढ़ाई मुश्किलें

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दिवाली समारोह में स्वास्थ्य संकट

कर्नाटक के मुख्समंत्री सिद्धारमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के दिवाली समारोह के दौरान दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर तालुक स्टेडियम में 10 व्यक्तियों की तबियत बिगड़ गई। यह घटना आयोजकों की लापरवाही के कारण हुई। प्रभावित लोगों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस समारोह में शामिल होने के लिए पुत्तूर तालुक स्टेडियम पहुंचे थे। ‘अशोका जनामना’ नामक इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक अशोक राय भी उपस्थित थे। इस आयोजन में कपड़े, थाली-कटोरे बांटने और सामूहिक भोज का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया।


बीमार होने के कारण हाइपोग्लाइसीमिया और डिहाइड्रेशन की समस्या

जानकारी के अनुसार, भीड़ के कारण भोजन और उपहार वितरण में देरी हुई, जिससे कई लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया (खून में शुगर की कमी) और डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) की समस्या का सामना करना पड़ा। विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को पानी की कमी के कारण कठिनाई हुई। तीन महिलाओं को तुरंत आईवी फ्ल्यूड्स दिए गए, जबकि अन्य को ओपीडी में उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। बाकी मरीजों को पुत्तूर तालुक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई गई है.


भीड़ प्रबंधन में कमी स्टेडियम में भीड़ का दबाव

पुलिस के अनुसार, स्टेडियम की अधिकतम क्षमता 20,000 थी, लेकिन आयोजकों की उम्मीद से कहीं अधिक 1 लाख लोग वहां इकट्ठा हो गए। इससे भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई और कई लोगों को सांस लेने में कठिनाई हुई। दोपहर के भोजन के बाद कुछ लोग बेहोश होकर गिर पड़े। पुलिस ने पहले ही भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चेतावनी दी थी, लेकिन आयोजकों ने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती।


स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया आयोजकों पर आरोप

इस घटना ने आयोजकों की सुरक्षा और प्रबंधन में कमी को उजागर किया है। स्थानीय निवासियों ने आयोजकों पर लापरवाही का आरोप लगाया है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है। इस घटना पर सरकार की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.


पिछली घटनाएं बेंगलुरु स्टेडियम में भगदड़

कर्नाटक के बेंगलुरु स्टेडियम में 4 जून 2025 को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की जीत के जश्न के दौरान भगदड़ में 11 लोगों की मौत और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस समारोह में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और अन्य मंत्री भी उपस्थित थे। इस घटना के बाद कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी.


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