ब्रेस्ट कैंसर आमतौर पर महिलाओं की बीमारी मानी जाती है, लेकिन हाल के वर्षों में पुरुषों में भी इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालांकि, महिलाओं की तुलना में पुरुष इस बीमारी से कम प्रभावित होते हैं, फिर भी आंकड़े चिंताजनक हैं।
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के कारण
शोध से पता चलता है कि कुछ विशेष कारणों से पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। इनमें से एक प्रमुख कारण रेडिएशन थैरेपी है। यदि किसी पुरुष को छाती के आसपास रेडिएशन थैरेपी दी गई है, तो ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
इसके अलावा, यदि परिवार में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हुआ है, तो यह भी जोखिम को बढ़ा सकता है। खराब जीवनशैली भी इस बीमारी का एक महत्वपूर्ण कारण है।
लक्षणों की पहचान
पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण आमतौर पर 60 वर्ष की आयु के बाद दिखाई देते हैं। जागरूकता की कमी के कारण, लोग लक्षणों को पहचान नहीं पाते और स्थिति गंभीर हो जाती है।
छाती में गांठ
यदि आपकी छाती में कोई गांठ बन रही है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह ब्रेस्ट कैंसर का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है। आमतौर पर, ये गांठें दर्द रहित होती हैं, लेकिन छूने पर कठोर महसूस होती हैं। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, सूजन भी फैल सकती है।
कभी-कभी, सूजन गर्दन तक भी पहुंच सकती है। हर गांठ कैंसर का संकेत नहीं होती, लेकिन यदि आपको कोई चिंता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
निप्पल में घाव
ब्रेस्ट कैंसर में ट्यूमर त्वचा के ऊपर उभरता है। जैसे-जैसे कैंसर बढ़ता है, निप्पल पर घाव दिखाई देने लगते हैं। प्रारंभ में, यह एक पिंपल जैसा दिखता है, लेकिन बाद में यह बढ़ता है।
कैंसर के बढ़ने पर निप्पल्स अंदर की ओर खींचे जा सकते हैं और आसपास की त्वचा सूखी हो जाती है।
निप्पल डिस्चार्ज
यदि आपको निप्पल से कोई दाग दिखाई देता है, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह खून भी हो सकता है, जो एक गंभीर स्थिति का संकेत है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच कराएं।
इन लक्षणों के साथ-साथ थकान, हड्डियों में दर्द, सांस लेने में कठिनाई और त्वचा में खुजली जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
इलाज के विकल्प
यदि पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले बायोप्सी की जाती है। इसमें छाती से एक टुकड़ा निकालकर परीक्षण के लिए भेजा जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज पुरुषों और महिलाओं के लिए समान होता है। उपचार के तीन मुख्य तरीके हैं: पहला, ऑपरेशन द्वारा गांठ को निकालना; दूसरा, कीमोथैरेपी, जिसमें दवाओं के माध्यम से कैंसर को खत्म करने की कोशिश की जाती है; और तीसरा, रेडिएशन थैरेपी, जिसमें उच्च ऊर्जा एक्स-रे या गामा रे का उपयोग किया जाता है।
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