आईपीएस विक्रांत वीर.
आईपीएस विक्रांत वीर की कहानी: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में पुलिस विभाग में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिसमें चार आईपीएस अधिकारियों के कार्यक्षेत्र में परिवर्तन किया गया है। नए आदेश के अनुसार, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कार्यरत आईपीएस विक्रांत वीर को पुलिस उपायुक्त के पद पर नियुक्त किया गया है। इससे पहले, वह डीजीपी मुख्यालय से जुड़े हुए थे। आईपीएस बनने से पहले, विक्रांत ने मर्चेंट नेवी में कार्य किया था।
इसके अलावा, 2013 बैच के आईपीएस अधिकारी आशीष श्रीवास्तव का तबादला कर उन्हें सुरक्षा मुख्यालय का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। वहीं, आईपीएस अनिल कुमार सिंह, जो पहले 28वीं बटालियन, इटावा के कमांडर थे, अब एसपी, सुरक्षा मुख्यालय का कार्यभार संभालेंगे।
आईपीएस विक्रांत वीर की जीवनी
यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, आईपीएस विक्रांत वीर का जन्म नालंदा, बिहार में हुआ। उनके पिता का नाम शैलेंद्र कुमार है। उन्होंने नॉटिकल साइंस में बीएससी की डिग्री प्राप्त की और 2013 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की, जिसके बाद उन्हें भारतीय पुलिस सेवा के लिए चुना गया। वह 2014 बैच के यूपी कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं।
मर्चेंट नेवी से आईपीएस बनने की यात्रा
मुंबई के मरीन इंजीनियरिंग कॉलेज से बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद, विक्रांत का चयन 2011 में मर्चेंट नेवी में हुआ। कुछ वर्षों तक नौकरी करने के बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और आईपीएस अधिकारी बने। उनकी पहली पोस्टिंग कानपुर में एएसपी के रूप में हुई थी।
हाथरस कांड में निलंबन
2020 में हाथरस में एक लड़की के साथ हुई बर्बरता के मामले में, योगी सरकार ने विक्रांत वीर सहित छह पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था। इस घटना के बाद, आईपीएस विक्रांत चर्चा में आए थे, और उनके निलंबन की निंदा आईपीएस एसोसिएशन द्वारा भी की गई थी।
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