दुनिया भर में सर्पदंश के कारण कई लोगों की जान चली जाती है, लेकिन भारत में जहरीले सांपों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। फिर भी, सांपों के प्रति सतर्क रहना बेहद जरूरी है। कुछ सांपों की पहचान उनके रंग और आकार से की जा सकती है, लेकिन यह ध्यान रखना चाहिए कि जहरीले सांपों के काटने से संक्रमण का खतरा भी रहता है।
विशेषज्ञ की सलाह
डॉ. अनिल कुमार, जो श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय बलिया के प्राणीशास्त्र विभाग में कार्यरत हैं, ने बताया कि जहरीले जीवों से हमेशा सावधान रहना चाहिए। खासकर किसानों को खेतों में काम करते समय सांपों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए जहरीले और गैर-जहरीले सांपों की पहचान करना आवश्यक है।
सांपों की पहचान के तरीके
सांप के फन पर घोड़े के नाल की तरह सफेद निशान होने पर यह संकेत है कि वह जहरीला है। भारत में कोबरा जैसे सांपों में यह निशान पाया जाता है।
विषैले सांपों की आंखें अंडाकार होती हैं, जबकि गैर-जहरीले सांपों की पुतलियां गोल होती हैं।
करैत सांप, जो काले और भूरे रंग का होता है, बहुत जहरीला होता है। इसकी त्वचा चमकीली होती है और इसके शरीर पर सफेद दाग होते हैं।
सांप की पूंछ की मोटाई भी उसकी विषाक्तता का संकेत देती है; पतली पूंछ वाले सांप अधिक जहरीले हो सकते हैं।
जहरीले सांपों के मुंह में बड़े दांत होते हैं, जिनसे वे जहर छोड़ते हैं।
सावधानी बरतें
साधारण दिखने वाले सांप भी खतरनाक हो सकते हैं। इसलिए, सांपों से दूर रहना और किसी भी काटने की स्थिति में तुरंत अस्पताल जाना आवश्यक है। यदि संभव हो, तो सांप की तस्वीर लें और चिकित्सक को दिखाएं।
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